जबलपुर : एसीटीएल स्टाफ की भूख हड़़ताल के 7 दिन, सोमवार से ट्रेन में नहीं जाएंगे

जबलपुर : एसीटीएल स्टाफ की भूख हड़़ताल के 7 दिन, सोमवार से ट्रेन में नहीं जाएंगे

प्रेषित समय :18:45:32 PM / Sun, Nov 21st, 2021

जबलपुर. पमरे के जबलपुर रेल मंडल के एसीटीएल स्टाफ की क्रमिक भूख हड़ताल आज रविवार 21 नवम्बर को 7वें दिन में प्रवेश कर गई. रेल प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लेने पर उनमें आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते आक्रोशित स्टाफ सोमवार 22 नवम्बर से ट्रेन ड्यूटी पर नहीं जाने का निर्णय लिया है. यदि ऐसा होता है तो रेल यात्रियों, खासकर एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है.

आज भूख हड़ताल के सातवें दिन कल बैठे साथियों को मंडल सचिव नवीन लिटोरिया एवं साथी कर्मचारियों द्वारा जूस पिला कर उठाया और नए साथी कॉम उमेश राव, कॉम रणबीर, कॉम जीतेन्द्र धुर्वे को बैठाया गया. इस दौरान सैकड़ों रेल कर्मचारियों ने संघर्ष में अपना समर्थन दिया. प्रमुख रूप से का. प्रहलाद सिंह, का . जितेन्द्र कुमार, का. ओम प्रकाश, का. राकेश पाण्डेय, का. जरनैल सिंह, का. चन्दन, का तारा सिंह, का. रमेश सिंह उपस्थित रहे.

इस संबंध में यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया ने बताया कि ए.सी. मैकेनिकों एवं ट्रेन लाइटिंग स्टाफ की लम्बित समस्याओं के निराकरण हेतु वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने मंडल प्रशासन को कई पत्र लिखा . हर फोरम पर बातचीत की, किन्तु मंडल प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता के कारण कोई समाधान नहीं निकल पाया. अंतत: मजबूरन यूनियन के बैनर तले एसीटीएल कर्मचारी 15 नवम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं. साथ ही 22 नवम्बर से सामूहिक काम बंद करने का निर्णय लिया है.

कर्मचारियों की यह है मांगेें

यूनियन के मंडल सचिव का. नवीन लिटोरिया ने बताया कि 10-11 एसी कोच वाली गाडिय़ों में एक ्रष्ट मेकेनिक से ड्यूटी करायी जा रही है, जबकि रेलवे बोर्ड ने 05 एसी कोच से ज्यादा होने पर 02 एसी मेकेनिक लगाने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं. इसके अलावा पावर कार का मेन्टीनेंस, स्लीपर व जनरल कोचों मे आयी खराबी को भी ए.सी. कोच मैकेनिक से ही दबाव डालकर ठीक कराया जाता है. 50 से 60 घंटे की यात्रा के दौरान एसी कोच मैकेनिक को बैठने या लेटने के लिये सीट/बर्थ उपलब्ध न होने के कारण एसी मैकेनिक खड़े खड़े जबलपुर से सोमनाथ, जम्मूतवी व गाड़ी के अंतिम पड़ाव तक ड्यूटी करता है. इस कारण सभी एसीटीएल स्टाफ बीमार हो रहे हैं. मंडल प्रशासन इस प्रकार की हठधर्मिता व तानाशाही केवल कुछ रुपये ओवर टाइम बचाने के लिये कर रहा है, 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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