सोनीपत. कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने की पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई. बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि बैठक में कानून वापसी पर चर्चा हुई. बैठक में कुछ फैसले हुए हैं. पहले से तय प्रोग्राम चलते रहेंगे. 27 नवंबर को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. जो मांगे बाकी रह गई है, उस पर पीएम को ओपन लेटर लिखा जाएगा.
आज सिंघु बॉर्डर पर करीब तीन घंटे SKM की बैठक चली. बैठक की अध्यक्षता कर रहे बलबीर सिंह राजेवाल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बैठक में लिए गए फैसलों को सामने रखा. बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि बैठक में आज पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लिए जाने पर चर्चा हुई. एसकेएम ने आगे की रणनीति बनाई है. जिसके तहत हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखेंगे जिसमें MSP, बिजली संशोधन बिल, किसानों पर दर्ज मुक़दमे और किसान आंदोलन पर किसानों की मौत वो क्या फैसले लेंगे ये पूछा जाएगा.
बैठक के बाद राजेवाल ने कहा कि हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे. 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी. जो मांगे बाकी रह गई है उसके बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च होगा. वहीं पराली कानून, बिजली बिल, एमएसपी क़ानून को लेकर सरकार को खुली चिट्ठी लिखेंगे.
बता दें कि कृषि सुधार कानून वापस लिए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बावजूद किसान संगठन प्रदर्शन जारी रखेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को बैठक कर निर्णय लिया कि आंदोलन के लिए पूर्व में जो कार्यक्रम निर्धारित किए गए थे, वे जारी रहेंगे. 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत, 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरे होने पर सभी मोर्चों पर भीड़ बढ़ाई जाएगी और संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर 29 नवंबर को संसद कूच किया जाएगा.
बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक से पहले योगेंद्र यादव ने आज मीडिया के साथ बातचीत की थी. इसमें उन्होंने बताया था कि एसकेएम की बैठक से पहले हरियाणा स्कीम की एक बैठक हुई है. कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा का स्वागत है, लेकिन MSP और किसानों के खिलाफ दर्ज केस पर कोई बात नहीं की गई है. योगेंद्र यादव ने कहा कि एसकेएम की बैठक में इन सभी मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-24 नवंबर को कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्रीय कैबिनेट दे सकती है मंजूरी, किसान MSP पर अड़े
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