24 नवंबर को कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्रीय कैबिनेट दे सकती है मंजूरी, किसान MSP पर अड़े

24 नवंबर को कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्रीय कैबिनेट दे सकती है मंजूरी, किसान MSP पर अड़े

प्रेषित समय :11:24:41 AM / Sun, Nov 21st, 2021

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा से सरकार और किसानों के बीच पिछले 14 महीने से चल रहा टकराव खत्म होने की उम्मीद बनी है. हालांकि किसान अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर अड़े हुए हैं. इस बीच केंद्रीय कैबिनेट की अगली बैठक में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मंजूरी मिलेगी. आगामी बुधवार यानि 24 नवंबर को कैबिनेट की संभावित बैठक हो सकती है. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है.

केंद्र सरकार यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि कानून 2020 को रद्द करने के फैसले की घोषणा के बाद उठाने जा रही है. सैकड़ों किसान लगभग एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. किसान नेताओं के मुताबिक, कृषि कानूनों के विरुद्ध इस आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. इन कानूनों से यह चिंता पैदा हो गई थी कि इससे चुनिंदा फसलों पर सरकार द्वारा दी गई एमएसपी की गारंटी खत्म हो जाएगी और किसानों को बड़े उद्योगपतियों की दया पर छोड़ दिया जाएगा.

इन कानूनों की घोषणा किए जाने के बाद से ही हजारों किसान इन्हें निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर जुटे, जिसके कारण शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार से अलग होना पड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘क्षमा’’ मांगते हुए तीन नए कृषि कानूनों निरस्त करने एवं एमएसपी से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए समिति बनाने की शुक्रवार को घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधित किया था, जिस समय ये घोषणाएं की थीं. उन्होंने कहा था कि इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी कर ली जाएगी.

पीएम ने कहा था, ‘मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी, जिसके कारण दिए के प्रकाश जैसा सत्य कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए हैं.’ उन्होंने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 के खिलाफ पिछले लगभग एक साल से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों से अपने घर वापस लौट जाने की अपील भी की.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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