चण्डीगढ़. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगले कुछ दिनों में राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी का मेनिफेस्टो तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि एक उच्च स्तरीय कमिटी मिलकर प्रमुख मुद्दों पर फैसला करेंगे. सिंह ने कहा कि वे पंजाब को इस तरह मझधार में नहीं छोड़ने वाले हैं. इसी महीने अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अपनी नई पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ की घोषणा की थी. सिंह ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से लंबे टकराव के बाद सितंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि चुनाव में गठबंधन को लेकर कहा कि वे अपने सहयोगियों के साथ सभी सीटों पर लड़ेंगे. बीजेपी की सभी 117 सीटों पर लड़ने की घोषणा को लेकर उन्होंने कहा, “या तो बीजेपी या सुखदेव सिंह ढींढसा के साथ समझौता करूंगा. मुझे नहीं लगता है कि कोई यह दावा कर सकता है कि 117 सीट जीतने वाला है. लेन-देन हमेशा जारी रहती है. मैंने भी कहा था कि हम 117 सीटों पर टारगेट करने जा रहे हैं, इसका मतलब था कि इन सभी सीटों पर हम अपने चुनावी सहयोगियों के साथ लड़ेंगे.”
अमरिंदर सिंह ने पिछले महीने कहा था कि अगर तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के हित में कुछ समाधान निकलता है तो वह भारतीय जनता पार्टी के साथ 2022 के चुनाव में सीटों के समझौते को लेकर आशान्वित हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. सितंबर महीने में राज्य सरकार से बाहर निकलने वाले सिंह ने कहा था कि वह समान विचारधारा वाले दलों जैसे अकाली दल से अलग हुए समूहों के साथ गठबंधन पर भी विचार कर रहे हैं.
बीजेपी के साथ गठबंधन पर विचारधारा के सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा, “मैं राष्ट्रीय स्तर पर विचारधारा की बात नहीं कर सकता हूं. लेकिन पंजाब में हमारे साथ ऐसा नहीं है. पंजाब पंजाबियत में यकीन करता है. हम बहुत ही उदार समाज हैं. हम सभी… हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध… एक साथ हैं. हम एक क्षेत्रीय पार्टी हैं और मैं इसके आगे नहीं देख रहा हूं. मैं देख रहा हूं कि पंजाब के लिए क्या हासिल किया जा सकता है. हमें नहीं भूलना चाहिए कि एक दुश्मन देश के साथ हमारी 600 किमी की सीमा है और यह जरूरी है कि हम सभी समुदायों के साथ बढ़िया संबंध रखें.”
अमरिंदर सिंह ने अपनी नई पार्टी की घोषणा के दिन ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दिया था. इस सवाल पर कि क्या सीएम पद से इस्तीफा देने और पार्टी छोड़ने के संकेत देने के बाद सोनिया गांधी या राहुल और प्रियंका गांधी ने संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, “मेरे इस्तीफा देने से करीब तीन या चार हफ्ते पहले सोनिया गांधी ने मुझसे बात की थी. उन्होंने मुझसे ठहरने को कहा. फिर एक दिन सुबह में उन्होंने कॉल कर कहा कि मुझे इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी. उन्हें लगता है कि मैं रिटायर के लिए तैयार हूं, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता. मैं अपने राज्य के लिए लड़ूंगा.”
राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर सिंह ने कहा, “मैंने कांग्रेस को आगे बढ़ते हुए देखा है. मैं 1980 में इंदिरा गांधी के साथ एक युवा सांसद था. उनके साथ बहुत अच्छे सलाहकारों का समूह था. जब राहुल गांधी कांग्रेस में आगे आए थे, तो मैंने कहा था कि वे इसके लिए तैयार नहीं हैं. बाद में, उन्होंने और प्रियंका गांधी ने घूमना शुरू किया और तब से उन्होंने काफी सुधार किया. इसलिए देखते हैं, सिर्फ समय बताएगा कि वे तैयार हैं या नहीं.”
अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि उन्होंने पिछले चुनावी वादों का 92 फीसदी काम मुख्यमंत्री रहते हुए पूरा किया और बाकी काम कांग्रेस सरकार कर रही है. कांग्रेस छोड़े जाने के बाद ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ में एक भी विधायक या जिला अध्यक्ष के शामिल नहीं होने पर सिंह ने कहा, “मैं अलग-थलग नहीं हूं. मैंने सभी जिलों में पार्टी को खड़ा कर दिया है. हम सदस्यता अभियान भी शुरू करने जा रहे हैं. कांग्रेस से अभी कोई शामिल नहीं हो रहे हैं क्योंकि अगर कोई मेरे साथ आता है तो वे उसे निकाल देंगे और उसके फंड को रोक देंगे. इसलिए मैंने उन्हें चुनाव आचार संहिता लागू होने तक इंतजार करने को कहा है.”
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब के पठानकोट में आर्मी कैंप के गेट पर ग्रेनेड से हमला, सभी इलाकों में अलर्ट जारी
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