मुंबई. महाराष्ट्र में स्टेट ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों का आंदोलन अब तेज हो गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कई यूनियनों ने एसटी कर्मचारियों के मुद्दे पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन किया है. वहीं अब जनशक्ति संगठन के कार्यकर्ता आक्रामक होते नजर आ रहे हैं.
जनशक्ति संगठन के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को परिवहन मंत्री अनिल परब के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं ने परब के घर पर स्याही फेंकी. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक लिया और गेट से बाहर करने लगी. जिस पर कई कार्यकर्ता सड़क पर लेट कर प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान पुलिस ने जनशक्ति संगठन के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. वहीं, घटना के बाद आवास की सफाई की गई.
इस बीच, एसटी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का कई यूनियनों द्वारा समर्थन किया जा रहा है. इस दौरान बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील की है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए. सरकार आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि जनशक्ति कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए आंदोलन से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने हाल ही में हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि वह जल्द से जल्द काम पर लौटें. नहीं तो ट्रांसपोर्ट की बसों को प्राइवेटाइज करने का रास्ता भी है. शुक्रवार को उन्होंने 238 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नोटिस भेज कर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थीं. वहीं अब तक 297 कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है.
महाराष्ट्र में एसटी कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. इस दौरान कई कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया है. आंदोलन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वह अपनी जायज मांग के लिए हड़ताल कर रहे हैं. कई कर्मचारियों का कहना है कि 10 सालों की सर्विस के बावजूद भी उन्हें आज के महंगाई के जमाने में सिर्फ 12 हजार रुपए दिया जाते हैं. उनकी सैलरी बढ़नी चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र: गढ़चिरौली में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए 26 नक्सली, 4 जवान भी जख्मी
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