नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बावजूद, किसान संगठन अपने ‘चलो दिल्ली’ के कार्यक्रम पर अड़े हुए हैं. किसानों को 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर एकत्रित होने को कहा जा रहा है ताकि 29 नवंबर को संसद की ओर ट्रैक्टर ट्रॉली मार्च में बड़ी संख्या में किसान शामिल हो सकें. इसके लिए लगातार किसानों को दिल्ली की सीमाओं तक पहुंचने की अपील की जा रही है. किसानों का कहना है कि जब तक संसद में इन कानूनों के औपचारिक रूप से वापस नहीं लिया जाएगा, वो आंदोलन खत्म कर वापस नहीं जाएंगे. आंदोलन को एक साल पूरा होने के मौके पर 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की आमद जारी रहेगी.
किसान संगठनों की इस अपील के बाद बड़ी संख्या में किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पहुंचने लगे हैं और अन्य जाने की योजना बना रहे हैं. पंजाब में विभिन्न कृषि संगठनों द्वारा दिल्ली की सीमाओं की ओर किसानों को जुटाने के लिए बैठकें आयोजित की जा रही हैं. सिंघू, टिकरी बॉर्डर और बहादुरगढ़ में बड़ी संख्या में किसानों के आने की उम्मीद है, इसकी तैयारी चल रही है.
तैयार हो रहा 10 एकड़ से भी बड़ा मैदान
भारतीय किसान यूनियन ने अपने पंडाल में बड़ी संख्या में किसानों को समायोजित करने की तैयारी शुरू कर दी है. संगठन के सचिव शिंगारा सिंह ने कहा, ’10 एकड़ से अधिक की एक नई, खुली जगह को चिह्नित किया गया है और वहां पर एक पंडाल स्थापित किया जा रहा है. पुराने स्थान पर लगाए गए शेड का उपयोग किसानों के रात में सोने के लिए किया जाएगा. हम उम्मीद करते हैं कि 26 नवंबर को एक लाख से अधिक लोग यहां पहुंचेंगे.’
आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 29 नवंबर को संसद तक किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. किसान संगठनों के संघ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के एक साल पूरा होने के मौके पर 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद तक 500 किसान शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च में भाग लेंगे. टिकैत ने कहा है कि किसान उन रास्तों से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे जो रास्ते सरकार ने खोल दिए हैं. उन्होंने कहा कि उनका इरादा रास्तों को बंद करना नहीं बल्कि सरकार से बात करने का है.
आज कैबिनेट की बैठक, मिल सकती है मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज होने वाली बैठक में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने वाले प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान करते हुए कहा था कि वो किसानों को ये समझाने में विफल रहे कि ये कानून उनके लिए कितने उपयोगी हैं. उन्होंने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में लाए गए थे जिसे अब राष्ट्र हित में वापस लेना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि किसान लंबे समय से तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान से उन्हें एक राह दिखी है. साथ ही वो इस बात से भी आश्वस्त नजर आ रहे हैं कि यही मौका है जब वो अपने बाकी की मांगों को भी सरकार से मनवा सकते हैं. यही कारण है कि कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद भी वो राजधानी की सीमाओं पर डटे हुए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से बैन हटा, ट्रकों की एंट्री पर रोक जारी
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