नई दिल्ली. सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इसके लिए मंच तैयार करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, शिवसेना, एनसीपी, समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने शुक्रवार को संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संबोधित किए जाने वाले संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
समन्वित कदम तब आया जब कांग्रेस ने संसद में विपक्षी एकता सुनिश्चित करने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों तक पहुंचने का फैसला किया. आरजेडी, डीएमके और वाम दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के भी इस आयोजन में भाग नहीं लेने उम्मीद है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री उपस्थित होंगे.
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गुरुवार को कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक में कुछ नेताओं ने तृणमूल के अपने नेताओं के आक्रामक शिकार का जिक्र किया. सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने नेताओं से कहा कि मुख्य विपक्षी दल के रूप में, कांग्रेस को सभी दलों तक पहुंचना चाहिए. साथ ही यह संकेत दिया कि संसद के बाहर राजनीतिक घटनाक्रम फ्लोर समन्वय के मार्ग में नहीं आना चाहिए.
उन्होंने संसदीय रणनीति समूह की बैठक ने सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों की भी आलोचना की, जिसमें सत्र के पहले कार्यदिवस पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करना मुख्य रूप से शामिल है. संविधान दिवस पर बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि पार्टी को आयोजन का बहिष्कार करना चाहिए. लगभग पूरे विपक्ष ने इस साल की शुरुआत में संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली मेट्रो की एक और उपलब्धि, पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन परिचालन की शुरुआत
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