वाशिंगटन.अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति की चिंताओं का हवाला देते हुए लगभग एक दर्जन चीनी कंपनियों को अपनी व्यापार ब्लैकलिस्ट में शामिल किया है.
अमेरिका का कहना है कि कुछ कंपनियां चीनी सेना के क्वांटम कंप्यूटिंग प्रोग्राम को विकसित करने में मदद कर रही हैं.
ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद यह ताज़ा कदम उठाया गया है.
इस महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई वर्चुअल बैठक में जिन मुद्दों पर चर्च हुई थी इनमें से एक दोनों देशों के बीच होने वाला व्यापार था.
चीनी की आठ टेक कंपनियों को अमेरिका ने अपनी ब्लैकलिस्ट में शामिल किया है. इन कंपनियों पर चीनी सेना के क्वांटम कंप्यूटिंग प्रोग्राम में मदद करने और “सैन्य प्रयोगों के लिए अमेरिकी वस्तुओं को हासिल करने की कोशिशों ” के आरोप हैं.
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने यह भी बताया है कि चीन और पाकिस्तान में सक्रिय 16 व्यक्तियों और संस्थाओं को “पाकिस्तान की असुरक्षित परमाणु गतिविधियों या बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम” में शामिल होने के कारण इस सूची में जोड़ा गया है.’’
सूची में चीन, जापान, पाकिस्तान और सिंगापुर से कुल 27 नई संस्थाओं को जोड़ा गया.
चीनी टेलीकॉम कंपनी ख़्वावे को 2019 में इस सूची में शामिल किया गया था, दावा किया गया था कि इससे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. इस क़दम के कारण कंपनी के लिए मोबाइल फोन का उत्पादन करना मुश्किल हो गया था.
चीनी सरकार ने पहले ही इस बात से इंकार किया है कि उसकी कंपनियां औद्योगिक जासूसी करती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमेरिका में फिर बेकाबू हुआ कोरोना, 15 राज्यों में हेल्थ सिस्टम बेपटरी
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