नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अपने एक बयान में यह कहा है कि, केंद्र सरकार की देश में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार करने की कोई योजना नहीं है. केंद्र द्वारा बिटकॉइन लेनदेन से संबंधित डाटा पर एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि, केंद्र भारत में बिटकॉइन लेनदेन पर कोई डेटा एकत्र नहीं करता है.
ब्रोकर डिस्कवरी और कंपैरिजन प्लेटफॉर्म ब्रोकर चूजर के अनुसार, पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी धारक भारत में हैं. भारत में क्रिप्टोकरेंसी धारकों की संख्या 10.7 करोड़ है. भारत के बाद अमेरिकी, रूस और नाइजीरिया जैसे देशों का नाम आता है. अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी धारकों की तादाद 2.74 करोड़ है, तो वहीं रूस 1.74 करोड़ क्रिप्टो-मालिकों के साथ इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. नाइजिरिया में भी क्रिप्टोधारकों की एक अच्छी खासी तादाद है, नाइजीरिया में 1.30 क्रिप्टोकरेंसी धारक हैं.
बिटकॉइन एक तरह की डिजिटल मुद्रा है जो लोगों को बैंकों, क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं या अन्य तीसरे पक्षों को शामिल किए बिना सामान और सेवाओं को खरीदने और पैसे का आदान-प्रदान करने की अनुमति प्रदान करती है. बिटकॉइन को साल 2008 में प्रोग्रामरों के एक अज्ञात समूह द्वारा एक क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली के रूप में पेश किया गया था. कथित तौर पर यह पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है जहां पीयर-टू-पीयर लेनदेन बिना किसी मध्यस्थ के किया जाता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-फोर्ब्स की सूची में सबसे अमीर लोगों में 7 क्रिप्टोकरेंसी की वजह से बने अरबपति, कितनी है उनकी संपत्ति
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