एडिसन नामक जानलेवा बीमारी से जूझने के बाद भी सुष्मिता सेन ने हिम्मत नहीं खोई

एडिसन नामक जानलेवा बीमारी से जूझने के बाद भी सुष्मिता सेन ने हिम्मत नहीं खोई

प्रेषित समय :07:06:47 AM / Thu, Dec 2nd, 2021

मुंबई.  सुष्मिता सेन बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेसेस में से एक हैं. वह अपनी एक्टिंग स्किल के अलावा अपने फिट फिगर के लिए भी जानी जाती हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि वे एक मजबूत महिला हैं. उन्होंने हर बार चैलिंजग रोल निभाकर और उनके साथ न्याय करके बॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया है. रील लाइफ की तरह पूर्व मिस यूनिवर्स की ताकत और हिम्मत रीयल लाइफ में भी तारीफे काबिल है. सुष्मिता सेन ने खुलासा किया कि 2014 में उन्हें एक जानलेवा बीमारी एडिसन के बारे में पता चला था. अपनी स्थिति के बारे में बात करते हुए सुष्मिता ने कहा कि ‘वह काफी दर्दनाक दिन थे. बीमारी से लड़ने के लिए उन्हें स्टेरॉयड का विकल्प कोर्टिसोल दिया गया, जिसके तमाम दुष्प्रभाव थे.

मैंने लड़ाई लड़ने की अपनी सारी ताकत खो दी थी’. 4 साल तक पुरानी बीमारी से लड़ने के बाद अभिनेत्री रोजाना व्यायाम करके ठीक हो गई और पहले से काफी मजबूत भी. एडिसन के साथ अपनी लड़ाई को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि ‘सितंबर 2014 में एडिसन नामक रोग एक ऑटो इम्यून कंडीशन के बारे में पता चलने के बाद मैं काफी हताश हो गई थी. इसने मुझे ऐसा महसूस कराया जैसे मेरा शरीर निराशा और आक्रमकता से भर गया है लेकिन फिर मुझे अपने दिमाग को मजबूत करने का एक तरीका खोजना पड़ा’. तो आइए जानते हैं सुष्मिता सेन किस वर्कआउट की बदौलत ठीक हो पाईं और क्या है उनकी ये बीमारी एडिसन.

एडिसन रोग क्या है

एडिसन रोग एक विकार है, जिसमें एड्रेनल ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती हैं. गुर्दे के ठीक ऊपर मौजूद ग्रंथी बहुत कम कार्टिसोल और बहुत कम मात्रा में एल्डोस्टेरॉन का उत्पादन शुरू कर देती है. यह स्थिति सभी आयु वर्ग और लिंग के लोगों को प्रभावित कर सकती है. रोग के लक्षण बहुत धीरे-धीरे विकसित होते हैं, इसलिए शुरूआत में लक्षणों का पता लगाना कठिन होता है लेकिन समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा हो सकती है. ज्यादा थकान, वजन बढ़ना, त्वचा का काला पड़ना, ब्लड प्रेशर कम होना, नमक खाने का मन होना एडिसन रेाग के कुछ लक्षण हैं. यह रोग तब होता है जब एड्रीनल ग्लैंड डैमेज हो जाती हैं. ऑटोइम्यून रोग इस बीमारी का 70 प्रतिशत हिस्सा है.

ननचाकू वर्कआउट की बदौलत हुई ठीक

ठीक होने के बाद 46 वर्षीय सेन ने बताया कि एक वर्कआउट है, जिसे करने से मुझे बीमारी से लड़ने में मदद मिली. ननचाकू के साथ ध्यान करने से मुझे उपचार प्रक्रिया में बहुत फायदा हुआ. मैं समय पर ठीक हो गई. मेरी ग्लैंड एक्टिव हो गईं और अब मुझे कोई ऑटो इम्यून स्थिति नहीं है. इसके बाद सुष्मिता फिट और हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज करती रहती हैं. बता दें कि समय – समय पर अभिनेत्री अपने वर्कआउट रूटीन के वीडियो इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर करती हैं, जिसमें योग , ध्यान से लेकर कैलिस्थैनिक्स और बॉडीवेट वर्कआउट शामिल है.

शरीर और दिमाग के लिए बेहतरीन वर्कआउट है “ननचाकू”

ननचाकू एक ट्रेनिंग वेपन है, जिसे चेन स्टिक भी कहा जाता है. इसमें एक छोटी रस्सी से जुड़ी दो छड़ें होती हैं. यह हथियार आमतौर से मार्शल आर्टिस्ट द्वारा उपयोग किया जाता है. कला रूप का अभ्यास करने वाले व्यक्ति को “नुंचकु” कहते हैं . ननचाकू अक्सर सेल्फ डिफेंस टेक्नोलॉजी के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन शरीर और दिमाग दोनों के लिए एक बेहतरीन वर्कआउट भी है.

उन्होंने कठिन दौर से सीखे गए सबक के बारे में बताया कि आपके शरीर को आपसे बेहतर कोई नहीं जानता. इसलिए इसकी सुनें. हम सभी में एक योद्धा होता है, कभी हार मत मानो. इस यात्रा में मेरी चट्टान बनने के लिए मेरी शिक्षक नुपुर शिखर को धन्यवाद. मैं आप लोगों से प्यार करती हूं.

एडिसन नामक जानलेवा बीमारी से जूझने के बाद भी सुष्मिता सेन ने हिम्मत नहीं खोई . एक्ट्रेस उन लोगों के लिए मिसाल हैं, जो इस बीमारी के बाद सारी उम्मीदें खो देते हैं और जीवन में हार मान बैठते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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