नजरिया. तीन कृषि कानून वापस लेकर क्या मोदी सरकार यह समझती है कि उसने किसानों पर बहुत बड़ा उपकार किया है?
दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान किसानों को कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष नुकसान हुए हैं, इनकी भरपाई कौन करेगा? इस आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत भी हो गई है, उनको मुआवजा कौन देगा?
कितने आश्चर्य की बात है कि देश-दुनिया को पता है कि आंदोलन के दौरान किसानों की मौत हुई है, लेकिन मोदी सरकार इससे बेखबर है.
बड़ा सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार किसानों को इतना नासमझ समझती है कि वह सरकार की बात पर अंधा भरोसा कर लेंगे?
वैसे विपक्ष ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों की सूची उपलब्ध करवाने का कहा है, मतलब- मोदी सरकार यह कहकर नहीं बच सकती है कि उनके पास कोई सूची नहीं है?
इसी सिलसिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार पर शब्दबाण चलाए और किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि हम उन लोगों की सूची मुहैया कराएंगे, जो आंदोलन के दौरान मारे गए हैं, केन्द्र सरकार उनको मुआवजा जरूर दे.
उन्होंने कहा कि कितने किसानों की आंदोलन में मौत हुई है, सरकार के पास डेटा नहीं है, सरकार के पास नहीं है तो हमारे पास है, हम दे देते हैं.
उल्लेखनीय है कि संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार किसानों को मुआवज़ा देगी? जिसके जवाब में कृषि मंत्रालय ने कहा कि सरकार के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए यह सवाल ही नहीं बनता.
राहुल गांधी ने कहा कि हमने इस पर काम किया, 500 लोगों के नाम तो हमारे पास है, जिन्हें पंजाब सरकार ने मुआवज़ा और नौकरी दी है.
सियासी सयानों का मानना है कि मोदी सरकार ने जिस चुनावी डर से कृषि कानून वापस लिए हैं, यदि वह किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाए तो इन कृषि कानूनों को वापस लेने का बीजेपी को कोई सियासी फायदा नहीं होगा!
राकेश टिकैत- ये संघर्ष से समझौते की तरफ आंदोलन जा रहा है हम चाहते हैं सरकार को छल, कपट, द्वेष छोड़कर किसानों से बातचीत करनी चाहिए, जो मसले हैं उनका समाधान करना चाहिए.
https://twitter.com/News18India/status/1466410494235791364?t=PS7MkCE_gMK_m_wKTha5EA&s=08
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-‘ये संघर्ष से समझौते की तरफ आंदोलन जा रहा है हम चाहते हैं सरकार को छल, कपट, द्वेष छोड़कर किसानों से बातचीत करनी चाहिए, जो मसले हैं उनका समाधान करना चाहिए’-राकेश टिकैत, BKU#News18IndiaChaupal @prateektv @nstomar @PMOIndia @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/suYQBgD7t1
— News18 India (@News18India) December 2, 2021
सरकार को किसानों से करनी होगी बातचीत, MSP को कानूनी गारंटी बनाने समेत कई मुद्दे बाकी- राकेश टिकैत
कृषि कानून वापसी बिल लोकसभा से हुआ पारित, कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित
काले झंडों के डर से काले कृषि कानून वापस हुए?
कृषि कानून वापसी और करतारपुर से भाजपा के लिए बनेगा पंजाब में सत्ता का कॉरिडोर
Leave a Reply