नई दिल्ली. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने लोकसभा में तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने वाले विधेयक पारित होने पर कहा कि यह आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले सभी 750 किसानों को श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि इसका (कानून वापस लिए जाने) श्रेय उन्हीं किसानों को जाता है. टिकैत ने कहा कि सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है.
उन्होंने कहा कि आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी बनाने समेत कई मुद्दे बाकी है. किसान नेता ने कहा, अभी एक मामले का समाधान हुआ है, अभी कई मामले बाकी हैं. एक साल में जो नुकसान हुआ है, उस पर सरकार बैठ कर बात करे, समाधान निकल जाएगा. सरकार धोखे में रख कर, जालसाजी के साथ गलत बयानबाजी करके मामले को निपटाना चाहती है, तो उससे ये मामला खत्म नहीं होगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ये चाहती कि हम बिना बातचीत के यहां से धरना खत्म करके चले जाए. देश में कोई आंदोलन और धरना ना हो. उन्होंने कहा, सरकार से जो एक बातचीत का रास्ता है वो बंद हो जाए, सरकार इस गलतफहमी में ना रहे. सरकार से बात किए बिना हम नहीं जाएंगे. सरकार से बातचीत का रास्ता खोल के जाएंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार को बैठकर बातचीत करनी पड़ेगी. क्योंकि अभी शहीद किसानों के मामले हैं, किसानों के खिलाफ मुकदमे हैं और एमएसपी है. उन्होंने कहा, एक कमेटी बन जाएगी, जब भी सरकार बात करनी चाहेगी, वो कमिटी बात कर लेगी. हमने चिट्ठी लिखी थी कि इन मुद्दों का समाधान करें. सरकार को हर मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए. लखीमपुर खीरी की घटना भी एक बड़ा मुद्दा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में आज से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज, सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी खत्म
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