कारगिल में सामने आया जबरदस्ती धर्मांतरण का मामला, धारा 144 लागू

कारगिल में सामने आया जबरदस्ती धर्मांतरण का मामला, धारा 144 लागू

प्रेषित समय :15:07:20 PM / Sat, Dec 4th, 2021

कारगिल. कारगिल के जनस्कार उप-मंडल में अंतरधार्मिक विवाह क्षेत्र का मामला बड़े विवाद में आ गया है. सांप्रदायिक झड़पों के डर से पूरे उप-मंडल में अधिकारियों ने सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. एक बौद्ध निकाय का दावा है कि मामला मुस्लिम व्यक्ति द्वारा जबरदस्ती धर्मांतरण का है, लेकिन दंपति ने आरोपों से इनकार किया है. जानास्कर में कथित अपहरण और धर्मांतरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. इसका नेतृत्व लद्दाख बौद्ध संघ कर रहा है जो "लव जिहाद" का दावा कर रहा है. कारगिल के उपायुक्त संतोष सुखदेव ने व्यापक परेशानी के डर से, शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 के तहत किसी भी गैरकानूनी सभा पर प्रतिबंध लगा दिया है.

पदम जांस्कर का एक 31 साल का मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल कादिर वानी और एक बौद्ध महिला सुमाया कौसर, (सोनम अंगमो) विवाद के केंद्र में हैं. हालांकि इन सभी ने आरोपों से इंकार किया है. दंपति ने सुरक्षा की मांग करते हुए श्रीनगर में उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की है. जिसमें कहा है कि उन्होंने अपनी मर्जी और सहमति से शादी की है. सोनम अंगमो ने अपने नए नाम सुमाया कौसर और उनके पति कादिर के साथ अदालत में याचिका दायर की है. जिसमें तर्क दिया गया है कि दोनों बालिक हैं लेकिन कादिर के पिता और भाई को अभी भी पुलिस ने हिरासत में लिया है.

उच्च न्यायालय में दायर हलफनामें में कौसर का कहना है कि मैंने याचिकाकर्ता अब्दुल कादिर के साथ शादी स्वतंत्र इच्छा के साथ और बिना किसी जबरदस्ती के की है. मेरे माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों उनको पसंद नहीं करते हैं, इसलिए वे मेरे विवाहित जीवन में हस्तक्षेप कर रहे हैं. जिससे मुझे खतरा हो रहा है. मैं अपने पति के साथ रहना चाहती हूं.

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने पुलिस से दोनों दंपत्तियों को सुरक्षा प्रदान करने और यदि कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है तो जांच जारी रखने को कहा है। अदालत ने कहा है कि बशर्ते कि दोनों याचिकाकर्ता बालिग हैं और विवाह प्रचलित कानूनों के अनुसार सख्ती से किया गया है. हालांकि विवाह के चार दिन बाद लद्दाख बौद्ध संघ (एलबीए) ने लद्दाख के उपराज्यपाल (एलजी) को पत्र लिखा है. पत्र द्वारा मामले में त्वरित हस्तक्षेप और कार्रवाई की मांग की, जिसे जबरन धर्मांतरण का मामला बताया जा रहा हैं।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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