मोगोक. म्यांमार के मोगोक में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.0 मापी गई. इस बात की जानकारी यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने दी है. भूकंप का केंद्र मोगोक के उत्तर-पश्चिम में 72 किलोमीटर की गहराई में था. अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. इससे पहले 26 नवंबर वाले दिन भी म्यांमार में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. म्यांमार-भारत सीमा पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई थी. झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे.
इससे दो दिन बाद नवंबर में ही उत्तरी पेरू में सुबह के समय 7.5 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया था. इससे कई इमारतों को नुकसान पहुंचा और मलबे के कारण कई सड़कें बाधित हुईं. भूकंप की तीव्रता काफी तेज थी हालांकि, इसकी गहराई करीब 112 किलोमीटर होने के कारण अधिक नुकसान की आशंका नहीं है. भूकंप का केंद्र पेरू के तटीय शहर बैरंका से 42 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पश्चिम में था.
मेयर वाल्टर कलकुई ने पेरू के आरपीपी रेडियो से कहा कि अमेजन प्रांत के ला-जाल्का जिले में स्थित चार सदी पुराने संरक्षित गिरजाघर का कुछ हिस्सा ढह गया. जिसमें दबने के कारण तीन लोग मामूली रूप से घायल हो गए. पेरू के अमेजन और कजामार्का प्रांत में इमारतों के ढहने से सड़कों पर मलबे के कारण कई राजमार्ग पर आवाजाही बाधित हुई थी. भूकंप का झटका राजधानी लीमा में भी महसूस किया गया, जहां कुछ लोग दहशत के कारण घरों से बाहर निकल आए थे.
धरती के भीतर 7 प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, उस जोन को फॉल्ट लाइन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं. ऐसे में जब अधिक दबाव बनता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इससे नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है और फिर डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-लेह में आये भूकंप के तेज झटके, पड़ोसी देश म्यांमार भी हिली धरती
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