बिहार. मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 15 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी थीं जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था. अब जांच में सामने आया है कि आई हॉस्पिटल का ऑपरेशन थियेटर ‘गंदा’ और ‘संक्रमित’ था जिसके चलते इतना बड़ा हादसा हो गया. एसकेएमसीएच की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि ओटी में बेहद संक्रामक बैक्टीरिया मौजूद था जो कि इंसान की आंखों को सिर्फ 2 दिन में हराब कर देता है. ऑपरेशन थियेटर को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के हिसाब से साफ़ नहीं किया जा रहा था.
सोमवार को सीएस डॉ विनय कुमार शर्मा और आई हॉस्पिटल की जांच के लिए बनी टीम के सामने जांच रिपोर्ट पेश की गई थी. इस दौरान एसकेएमसीएच के नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार और ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता भी मौजूद थे. चार घंटे तक सीएस चेंबर में जांच रिपोर्ट पर चर्चा की गयी और इसके हर पहलू को जाना-समझा गया, इसके बाद इसे सार्वजनिक किया गया है.
क्या सामने आया जांच में?
सीएस ने बताया कि आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर में सुडोमोनास और स्टेफायलोकोकस बैक्टीरिया पाया गया है. यह काफी खतरनाक बैक्टीरिया होता है. एक से दो दिन में ही यह आंख खराब कर देता है. सिविल सर्जन ने बताया कि एसकेएमसीएच में जिन लोगों की आंख निकाली गयी, उनमें भी यह बैक्टीरिया पाया गया है. एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी की रिपोर्ट को पटना स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया गया है.
जिन मरीजों को आंख के इलाज के लिए पटना आईजीआईएमएस इलाज के लिए भेजा गया था वहां भी जांच में यह बैक्टीरिया पाया गया. इसके अलावा जिन लोगों की आंखें निकाली गयीं उनकी आंखों की जांच एसकेएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी लैब में की गयी. दोनों में जांच भी इस बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है. एसकेएमसीएच में 11 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी थीं. इससे पहले आई हॉस्पिटल में चार लोगों की आंखें निकाली गयी थीं. जिन लोगों की आंखें निकाली गयीं, वह अभी एसकेएमसीएच में ही भर्ती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार में चलती ट्रेन में यात्री पर अंधाधुंध फायरिंग, 3 घायल, जानलेवा हमले में दो महिलाएं भी गंभीर
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