वर्ष 2021 और 2022 के ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा हो गई है. इस साल के ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए साहित्यकार नीलमणि फूकन को चुना गया है, जबकि अगले वर्ष 2022 का ज्ञानपीठ सम्मान कोंकणी लेखक दामोदर मौउजो को दिया जाएगा. ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने 56वे और 57वे ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा की. ज्ञानपीठ पुरस्कार में 11 लाख रुपए की नकद राशि, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.
प्रसिद्ध कथाकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार प्रतिभा राय की अध्यक्षता के हुई चयन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में चयन समिति के अन्य सदस्य माधव कौशिक, सैय्यद मोहम्मद अशरफ, प्रो. हरीश त्रिवेदी, प्रो. सुरंजन दास, प्रो. पुरुषोत्तम बिल्माले, चंद्रकांत पाटिल, डॉ. एस. मणिवालन, प्रभा वर्मा, प्रो. असग़र वजाहत और मधुसुदन आनन्द शामिल थे.
साहित्यकार नीलमणि फूकन
नीलमणि फूकन प्रसिद्ध असमिया लेखक, कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे. असम के गोलघाट जिले में 10 सितंबर, 1933 को जन्मे नीलमणि फूकन का कैनवास विशाल है. उन्होंने कविता की तेरह पुस्तकें लिखी हैं. सूर्य हेनो नामि अहे एई नादियेदी, मानस-प्रतिमा और फुली ठका, सूर्यमुखी फुल्तोर फाले आदि उनकी कुछ महत्वपूर्ण कृतियां हैं. पद्मश्री से सम्मानित नीलमणि फूकन को साहित्य अकादेमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award 1981), असम वैली अवॉर्ड (1997), साहित्य अकादेमी फैलोशिप (2002) आदि से सम्मानित किया जा चुका है. इनकी रचनाएं कई भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं.
कोंकणी लेखक दामोदर मौउजो
वर्ष 2022 के लिए 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार जाने-माने कोंकणी लेखक दामोदर मौउजो (Konkani writer Damodar Mauzo) को प्रदान किया जाएगा. दामोदर मौउजो गोवा के उपन्यासकार, कथाकार, आलोचक और निबन्धकार हैं. इनके द्वारा रचित एक उपन्यास कार्मेलिन के लिये उन्हें सन् 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कोंकणी) से सम्मानित किया जा चुका है. दामोदर माऊजो का जन्म 1 अगस्त, 1944 को हुआ था. इनकी अब तक 4 कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुकी है.
दामोदर मौउजो समकालीन कोंकणी साहित्यिक परिदृश्य का चर्चित चेहरा है. लगभग पचास साल के अपने लेखन में उन्होंने कहानियां, उपन्यास, आलोचना और बाल साहित्य की रचना की हैं. उनकी कहानियों में प्रेम का प्रबल प्रवाह है. मौउजो की कहानियां स्त्री केन्द्रित हैं और उनमे स्त्री का साहसी चरित्र उभरता है. उन्होंने अपनी रचनाओं में मानवीय संबंधों, सामाजिक बदलावों जातिवाद आदि मुद्दे प्रमुखता से आये हैं. अंगवान, खिल्ली, कर्मेलिन, सूद, गोयेम्बाब और सुनामी सिमोन आदि उनकी प्रमुख प्रकाशित कृतियां हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सामाजिक,सांस्कृतिक तथा साहित्यिक धरोहर सहेज रहे शिक्षक कवि सत्यवीर नाहड़िया
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