प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रूटीन गिरफ्तारी को लेकर अहम निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि विवेचना के लिए पुलिस कस्टडी में पूछताछ के लिए जरूरी होने पर ही गिरफ्तारी की जाए. कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी अंतिम विकल्प होना चाहिए. गैरजरूरी गिरफ्तारी मानवाधिकार का हनन है. जोगिंदर सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पुलिस आयोग की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि रूटीन गिरफ्तारी पुलिस में भ्रष्टाचार का स्रोत है. रिपोर्ट कहती है 60 फीसदी गिरफ्तारी गैरजरूरी और अनुचित होती है. जिस पर 43.2 फीसदी जेल संसाधनों का खर्च हो जाता है.
कोर्ट ने कहा वैयक्तिक स्वतंत्रता बहुत ही महत्वपूर्ण मूल अधिकार है. बहुत जरूरी होने पर ही कटौती की जा सकती है. गिरफ्तारी से व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचती है. इसलिए अनावश्यक गिरफ्तारी से बचना चाहिए. कोर्ट ने दहेज उत्पीडऩ, मारपीट गाली-गलौज करने के आरोपी राहुल गांधी की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी के समय 50 हजार के मुचलके व दो प्रतिभूति लेकर जमानत पर रिहा कर दिया जाए. यह आदेश जस्टिस अजीत सिंह के एकल पीठ ने गौतमबुद्धनगर के राहुल गांधी की अग्रिम जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि याची अपना फोन नंबर व पता विवेचना के दौरान नहीं बदलेगा, पासपोर्ट जमा कर देगा. बिना अनुमति देश नहीं छोड़ेगा, विवेचना में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं करेगा. शर्तों का पालन न करने पर कोर्ट को कानूनी कार्रवाई करने की छूट होगी. याची के खिलाफ गौतमबुद्धनगर जिले में महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. याची ने पुलिस द्वारा कभी भी गिरफ्तार करने की आशंका जाहिर करते हुए यह अर्जी दाखिल की है. उसका यह भी कहना है कि सह अभियुक्त को अग्रिम जमानत मिल चुकी है. इसलिए उसे भी जमानत दी जाए.
याची पर आरोप है कि उसकी शादी 16 जून को हुई. शिकायतकर्ता के परिवार ने दहेज भी दिया. किन्तु शादी के बाद एक करोड़ रुपए अतिरिक्त दहेज की मांग की गई. याची के परिवार वाले पीडि़ता को लगातार प्रताडि़त कर रहे हैं. इन आरोपों पर याची का कहना है कि वह निर्दोष है. उसकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए फंसाया गया है. विवेचना चल रही है. कुर्की नीलामी की कार्रवाई नहीं की गई है. चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. याची विवेचना में हर सहयोग करने का आश्वासन देता है. सह अभियुक्त साक्षी किरन गांधी को पहले ही राहत मिल चुकी है. समान आरोप याची पर भी है. कोर्ट ने कहा अर्जी का नोटिस राज्य सरकार को पहले ही दिया जा चुका है. जवाब के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले व कानूनी प्रावधानों पर विचार करने के बाद अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओमिक्रॉन को लेकर जताई चिंता, पीएम से कहा- चुनाव टालने पर करें विचार
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