प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए सोमवार को कहा कि आश्रित कोटे से जुड़े मामलों में घर की बहू का बेटी से ज्यादा अधिकार है. कोर्ट ने ये फैसला देते हुए सरकार को आश्रित कोटे के नियमों में जल्द बदलाव करने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन से जुड़े एक मामले में पुत्रवधू (विधवा या सधवा) को परिवार में शामिल करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है. लाइसेंस धारक की मौत के बाद अब इस पर पहला अधिकार बहू का माना जाएगा.
कोर्ट ने बेटी को परिवार में शामिल करने और बहू को परिवार में शामिल न करने से जुड़े एक दिशा निर्देश को भी रद कर दिया. पांच अगस्त 2019 को सचिव खाद्य एवं आपूर्ति द्वारा जारी शासनादेश में बहू को परिवार में शामिल न किए जाने के चलते इस मामले में दुकान का लाइसेंस देने से जिला आपूर्ति अधिकारी के 17 जून, 2021 को इनकार कर दिया था. हाई कोर्ट ने यूपी पावर कार्पोरेशन केस में पूर्णपीठ के फैसले के आधार पर सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को नया शासनादेश जारी करने अथवा शासनादेश को ही चार हफ्ते में संशोधित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने पुष्पा देवी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी में पहली बार काशी विश्वनाथ मंदिर में होगी योगी सरकार की कैबिनेट बैठक
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