नजरिया. सत्ता का लालच कितना बड़ा होता है यह बिहार में बीजेपी की मजबूरी देख कर जाना जा सकता है?
इस सत्ता के लिए ताकतवर बीजेपी ने कमजोर नीतीश कुमार की पार्टी के समक्ष सियासी हथियार डाल दिए, तो अब जीतन राम मांझी खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं और बीजेपी बेबस होकर बैठी है, क्यों?
बिहार में सत्ता के लिए!
खबर है कि हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान के बाद बिहार सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने जीतन राम मांझी को राजनीति से संन्यास लेकर राम-राम जपने की सलाह दे दी, तो मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने पलटवार किया, पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मंत्री के बयान पर सरकार गिराने तक की बात कह डाली?
खबरों की मानें तो प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि नीरज सिंह बबलू कौन होते हैं जीतन राम मांझी को कुछ सलाह देने वाले?
उन्होंने तो यह भी कहा कि अगर हम अपनी पार्टी के चार विधायकों हटा लें तो एनडीए के ये नेता सड़क पर आकर राम-राम जपने लगेंगे?
उनका कहना था कि नीरज सिंह बबलू को बोलने से पहले उम्र का ध्यान रखना चाहिए, वे किसके बारे में क्या बोल रहे हैं, इसका ध्यान रखना चाहिए, अगर हिम्मत है तो वे पीएम मोदी पर बोलें, जो कई सभाओं में उल्टा-सीधा बोलते रहे हैं. क्या उन्हें भी घर में बैठने को कहेंगे?
याद रहे, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान देते रहे हैं और लगातार ऐसे बयानों के बाद बिहार सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता नीरज कुमार सिंह बबलू ने जीतन राम मांझी के खिलाफ बयान दिया था.
लेकिन, मामला और उलझ गया, क्योंकि मांझी की पार्टी लगातार आक्रामक है?
देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी बिहार में सत्ता के लिए कब तक ऐसा सब कुछ बर्दाश्त करती है?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जीतन राम मांझी ने पहले की ब्राह्मणों के लिए अभद्र टिप्पणी अब अपने ही समाज पर दिया विवादित बयान
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