लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों के मद्देनजर केंद्रीय चुनाव आयोग का दल 3 दिनों के दौरे पर मंगलवार को लखनऊ पहुंचा था. इस दौरान आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चुनाव के संबंध में राय मशवरा किया. वहीं, प्रदेश के सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव निष्पक्ष हों, इसमें सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न होने पाए. वहीं, आयोग ने राज्य पुलिस अधिकारियों के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों व अन्य विभागों व एजेंसियों के अधिकारियों से भी मुलाकात की.
दरअसल, मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा के साथ निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चन्द्र पाण्डेय की टीम ने राजधानी आते ही अपना काम शुरू कर दिया. इस दौरान विपक्षी दलों ने कहा कि बगैर किसी बाधा व राजनीतिक हस्तक्षेप के स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव कराया जाए. वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि ने कहा कि चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था से यूपी पुलिस पूरी तरह से दूर रहे और चुनाव केन्द्रीय सुरक्षाबलों की निगरानी में सम्पन्न किए जाए.
वहीं, समाजवादी पार्टी के राजनीतिक प्रतिनिधि ने कहा कि चुनाव घोषणा में मात्र कुछ दिन शेष बचे हैं. वहीं, बीजेपी नेताओं की जनसभाओं में सरकारी मशीनरी एवं धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में बहुत बडी भारी संख्या में डुप्लीकेट मतदाता हर विधानसभा में कई मतदान स्थल पर दर्ज पाए गए है. जोकि गंभीर व चिंताजनक है.
वहीं दूसरी ओर RLD के प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि सरकार के बड़े पदों पर बैठे लोगों पर संविधान विरोधी बात कहने पर प्रतिबंध लगाया जाए. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी प्रतिनिधियों ने कहा कि चुनावी सभाओं, रैलियों के आयोजन में पीएम से लेकर सभी प्रमुख नेताओं के साथ बराबर का व्यवहार किया जाए. इस दौरान बीजेपी ने कहा है कि घनी आबादी में स्थित मतदान केन्द्रों का स्थान बदला जाए, जिससे कोरोना गाइडलाइन का पालन करने में दिक्कत न हो.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोज: क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सियासी दर्द की दवा पूर्वांचल से मिलेगी?
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