प्रदीप द्विवेदी. विभिन्न चुनावों के नतीजों को देखें तो यह साबित हो चुका है कि चुनावी सर्वे मनोरंजन से ज्यादा कुछ नहीं हैं?
अलबत्ता, तोता सर्वे की आड़ में चुनावी समीकरण सुधारने की नाकामयाब कोशिशें जरूर की जाती रही हैं!
कुछ समय पहले हुआ पश्चिम बंगाल का चुनाव इसका सबसे बड़ा सबूत है, जहां सारे तोता सर्वे धरे रह गए थे?
अभी यूपी को लेकर जो सर्वे आ रहे हैं, लगता है उनका हश्र भी ऐसा ही कुछ होनेवाला है!
पिछले तीन दशक में यूपी में धार्मिक ध्रूवीकरण के बाद हिन्दू मतदाता भाजपा की ओर चले गए, तो मुस्लिम मतदाता क्षेत्रीय दलों की ओर हो लिए, नतीजा?
कांग्रेस की सियासी झोली खाली हो गई!
इन तीन दशक में जनता को सभी सियासी दलां के चेहरे साफ नजर आ गए हैं, इसलिए अब जनता क्या करेगी, कोई नहीं जानता?
कांग्रेस को कमजोर दिखाने में सबकी दिलचस्पी है, क्योंकि यही एकमात्र पार्टी है, जिसका कमजोर ही सही, आधार देश के हर कोने में है!
बीजेपी को पता है कि कोई भी क्षेत्रीय दल कितना ही ताकत लगाए, अपने राज्य से बाहर कुछ खास नहीं कर पाएगा, लेकिन मतदाता कांग्रेस की ओर गए तो पूरे देश की सियासी तस्वीर बदल जाएगी?
क्षेत्रीय दल जानते हैं कि यदि कांग्रेस ताकतवर हुई, तो उनके सत्ता में आने की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी, क्योंकि बीजेपी कमजोर हुई तो हिन्दू मतदाता कांग्रेस की ओर जाएंगे और क्षेत्रीय दलों से मतदाताओं का मोहभंग हुआ तो मुस्लिम मतदाता भी कांग्रेस की ओर ही जाएंगे, मतलब- कांग्रेस की सत्ता में वापसी!
यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न सर्वे आ रहे हैं, जिनका सार यह है कि बीजेपी और बसपा का वोट प्रतिशत कम होगा, यकीनन इसका पहला फायदा सपा को इसलिए मिल सकता है कि पिछले चुनाव में वोट प्रतिशत के मामले में बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर सपा थी, मतलब जहां बीजेपी और सपा के बीच कांटे की टक्कर थी, वहां सपा को कामयाबी मिल सकती है, लेकिन बीजेपी का जो वोट टूटेगा वह तो कांग्रेस को ही मिलेगा?
यही नहीं, बसपा का भी अगर वोट टूटता है, तो वह भी कांग्रेस की ओर ही जाएगा, जाहिर है, ऐसी स्थिति में जिन सीटों पर कांग्रेस कांटे की टक्कर में हारी थी, वो सीटें कांग्रेस को मिलेंगी?
मतलब.... यदि मतदान में कोई चमत्कारी बदलाव नहीं होता है, तो यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बसपा की सीटें कम होंगी, तो सपा और कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी!
यह भी स्पष्ट है कि बीजेपी को बहुमत नहीं मिला, तो कांग्रेस किंग मेकर की भूमिका में होगी, क्योंकि कांग्रेस के सहयोग के बगैर कोई सरकार नहीं बना पाएगा?
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत कितना बढ़ता है, क्योंकि यदि यूपी में कांग्रेस की ताकत बढ़ती है, तो यकीनन 2024 में मोदी टीम के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी!
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नतीजों की चिंता छोड़ें? चुनावकाल में मनोरंजक सर्वे का मजा लें! news in hindi https://t.co/z1nYmLcmk1
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) November 28, 2021
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