पाकिस्तान में पहली महिला जज की नियुक्ति का विरोध, बार काउंसिल ने देश के सभी कोर्ट बंद करने की धमकी दी

पाकिस्तान में पहली महिला जज की नियुक्ति का विरोध, बार काउंसिल ने देश के सभी कोर्ट बंद करने की धमकी दी

प्रेषित समय :18:41:30 PM / Tue, Jan 4th, 2022

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज जस्टिस आयशा मलिक की नियुक्ति का मामला खटाई में फंसता नजर आ रहा है. इस मामले में आखिरी फैसला ज्युडिशियल कमीशन ऑफ पाकिस्तान की गुरुवार को होने वाली मीटिंग में होना है. इसके पहले ही पाकिस्तान बार काउंसिल ने धमकी दे दी. कहा- अगर जस्टिस आयशा को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया जाता है तो देश के तमाम कोर्ट बंद कर दिए जाएंगे.

खास बात यह है बार काउंसिल जस्टिस आयशा के विरोध की कोई ठोस वजह नहीं बता रहा है. उसका कहना है कि हाईकोर्ट में तो ठीक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में किसी महिला जज की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए.

6 जनवरी को मीटिंग

जस्टिस आयशा को सुप्रीम कोर्ट जज बनाए जाने के मामले में फैसला 6 जनवरी को होने वाली ज्युडिशियल कमीशन ऑफ पाकिस्तान की मीटिंग में होना है. पिछली मीटिंग में 4 मेंबर्स नियुक्ति के समर्थन में थे, जबकि 4 विरोध में. चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने दो बार जस्टिस आयशा मलिको को सुप्रीम कोर्ट में तैनात करने का फैसला किया, लेकिन दोनों ही बार उनका विरोध हुआ. विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि जस्टिस गुलजार रिटायर होने वाले हैं, लिहाजा नया चीफ जस्टिस ही इस पर फैसला लेगा.

बार काउंसिल की धमकी

पाकिस्तान बार काउंसिल कुछ साफ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन विरोध कर रहा है. बार काउंसिल ने कहा है कि अगर जस्टिस आयशा की नियुक्ति को हरी झंडी मिलती है तो वो देश की तमाम अदालतों को बंद कर देगी. जस्टिस आयशा फिलहाल लाहौर हाईकोर्ट में नियुक्त हैं. सितंबर से आयशा की नियुक्ति का मामला अटका हुआ है. बार काउंसिल का कहना है कि जस्टिस आयशा सीनियारिटी के लिहाज से भी सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लायक नहीं हैं. इसलिए अपॉइंटमेंट रूल्स में बदलाव किए जाने चाहिए.

संविधान संशोधन जरूरी

द डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति से संबंधित दो नियम संविधान में हैं. संसद इनमें बदलाव कर सकती है. 175 ए के तहत नियुक्ति की जाती है जबकि 209 के तहत जजों को हटाया जा सकता है. बार काउंसिल का कहना है कि जब चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जस्टिस गुलजार अहमद ही रिटायर होने वाले हैं तो वो कैसे किसी जज को नियुक्त कर सकते हैं. 1 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के तमाम जजों के पैनल की मीटिंग होनी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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