भारत में 1200 करोड़ रुपये का क्रिप्टोकरेंसी स्कैम, लालच देकर लोगों से ठगा पैसा

भारत में 1200 करोड़ रुपये का क्रिप्टोकरेंसी स्कैम, लालच देकर लोगों से ठगा पैसा

प्रेषित समय :16:56:13 PM / Thu, Jan 6th, 2022

नई दिल्ली. देश में एक फेक क्रिप्‍टोकरेंसी घोटाला सामने आया है. एक नई क्रिप्‍टोकरेंसी के नाम पर करीब 900 लोगों से 1200 करोड़ रुपये ठग लिये गये हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने इसका खुलासा किया है. इस घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने देश में कई जगह छापे मारे हैं. केरल के एक व्‍यक्ति को इसका मास्‍टमाइंड माना जा रहा है जो देश से भाग चुका है. उस पर पहले से मनी लांड्रिंग के केस चल रहे हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने दक्षिण के एक फिल्‍म अभिनेता के परिसरों पर भी छापे मारे हैं. हालांकि अभिनेता ने क्रिप्‍टोकरेंसी घोटाले से इन छापों का कोई संबंध होने से इन्‍कार किया है. घोटालेबाजों ने इनिशियल कॉइन ऑफरिंग की आड़ में इस घोटाले को अंजाम दिया है. ठगे गये लोगों में से ज्‍यादातर ने 2020 में लॉकडाउन के दौरान फेक कॉइन Morris Coin खरीदे थे.

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी समाचार-पत्र इंडियन एक्‍सप्रेस में छपे एक समाचार के अनुसार, फेक क्रिप्‍टोकॉइन “Morris Coin” को 2020 में कोयंबटूर बेस्‍ड क्रिप्‍टोकरेंसी एक्‍सचेंज Franc Exchange के साथ लिस्‍ट किया गया था. इसे उसी प्रकार लोगों के सामने पेश किया गया जैसे आईपीओ को पेश किया जाता है. 10 मोरिस कॉइन की कीमत 15,000 रुपये रखी गई थी और इसका लॉक-इन पीरियड 300 दिन था. इन्‍वेस्‍टर को एक ई-वॉलेट भी दिया गया था. इस फेक क्रिप्‍टोकरेंसी के प्रोमोटर ने इन्‍वेस्‍टर्स का जल्‍द ही इसके महंगे होने का झांसा दिया.

शुरू में Long Rich Technologies, Long Rich Trading और  Long Rich Global आदि कंपनियों ने शुरू में निवेशकों को यह बताकर अपनी ओर आकर्षित किया कि उनका ऑनलाइन एजुकेशन ऐप है. बाद में मॉरिस कॉइन को अपने क्रिप्‍टोकॉइन के रूप में पेश किया और दावा किया कि यह एक क्रिप्‍टोकरेंसी एक्‍सचेंज के साथ लिस्‍ट हुआ है. इसके अलावा कुछ जल्‍द पैसा डबल करने वाली स्कीम भी इन्‍होंने चलाई और निवेशकों से पैसा लिया.

ईडी सूत्रों का कहना है कि घोटालेबाजों ने इन्‍वेस्‍टर्स से ली गई रकम से अवैध तरीके से रियल इस्‍टेट में निवेश किया. ज्‍यातर निवेश केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में किया गया. निवेश की गई रकम का सोर्स उन्‍होंने नहीं बताया. ईडी पिछले कई दिनों से केरल, तमिलनाडु और दिल्‍ली में छापामार कार्रवाई कर रही है. जिनके यहां छापे मारे गये हैं उनमें बेंगलुरु स्थित Long Rich Technologies और Morris Trading Solutions शामिल हैं.

प्रवर्तन निदेशालय ने Unni Mukundan Films Pvt. Ltd पर भी छापे मारे हैं. यह फर्म मलयालम एक्‍टर उन्‍नी मुकुनंदन और Nextel Group की है. हालांकि मुकुनंदन ने फेक क्रिप्‍टोकरेंसी घोटाले से संबंध होने से इनकार किया है. मुकुनंदन ने कहा कि ईडी ने उनसे उनके वेंचर्स में लगी राशि के सोर्स के बारे में पूछताछ की है.

ईडी ने केरल के मल्‍लापुरम जिले के रहने वाले निशाद नामक युवक को इस पूरे घोटाले का मास्‍टरमाइंड बताया है. ईडी अधिकारियों का कहना है कि निशाद के साथ एक्टर मुकुनंदन के संबंध हैं. हालांकि उन्‍होंने संबंधों की प्रकृति बताने से इनकार कर दिया. पिछले साल पुलिस ने कन्‍नूर और मल्‍लापुर में धोखाधड़ी करने और चिट फंड स्‍कीम चलाने के आरोप में निशाद पर केस दर्ज किया था. इसके बाद ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की. निशाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जमानत पर छूटने के बाद देश छोड़कर चला गया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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