नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनियाभर में लोगों की जान ले रहा है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने कहा कि नए वेरिएंट से रिकॉर्ड संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. ये कई देशों में अपने से पहले के डेल्टा वेरिएंट को तेजी से पछाड़ रहा है. इसका मतलब है कि अस्पताल भर रहे हैं.
टेड्रोस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, बेशक ओमिक्रॉन, डेल्टा की तुलना में कम गंभीर प्रतीत होता है, विशेष रूप से टीकाकरण करा चुके लोगों में, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हल्के में लिया जाना चाहिए. पुराने वेरिएंट की तरह ही ओमिक्रॉन भी लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है और लोगों को मार रहा है. यहां तक कि, मामलों की सुनामी त्वरित और बड़े स्तर पर देखने को मिली है. यह दुनियाभर के हेल्थ सिस्टम का बोझ बढ़ा रहा है. पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ ने 95 लाख नए कोविड-19 मामले दर्ज किए थे, जो एक रिकॉर्ड है और एक हफ्ते पहले मिले मामलों से 71 फीसदी अधिक है. लेकिन इसे कम करके आंका गया.
टेड्रोस ने कहा, यह क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के आसपास की गई जांच के परिणाम हैं लेकिन जिन लोगों ने खुद से जांच कराई, कई मामले तो दर्ज ही नहीं हुए हैं. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने 2022 की स्पीच में भी पिछले साल की तरह वैक्सीन के भंडारण से नाराज होकर अमीर देशों की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इन देशों के वजह से नए वेरिएंट्स को उभरने का मौका मिला है. इसलिए उन्होंने दुनिया से 2022 में वैक्सीन की खुराक को और अधिक निष्पक्ष रूप से साझा करने का आग्रह किया, ताकि कोविड-19 से हो रहे ‘मृत्यु और विनाश’ को समाप्त किया जा सके. टेड्रोस चाहते थे कि हर देश सितंबर 2021 के अंत तक अपनी 10 फीसदी आबादी का और दिसंबर के अंत तक 40 फीसदी का टीकाकरण कर ले.
डब्ल्यूएचओ के 194 सदस्य देशो में से 92 देश 2021 के अंत के लिए निर्धारित लक्ष्य से चूक गए हैं. इनमें से 36 ने 10 फीसदी तक के लक्ष्य को हासिल नहीं किया है, इसका मुख्य कारण ये था कि इन देशों की वैक्सीन तक पहुंच नहीं थी. टेड्रोस चाहते हैं कि 2022 के मध्य तक हर देश में 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन लग जाए. टीकाकरण अभियान की मौजूदा गति देखें तो 109 देश उस लक्ष्य से चूक जाएंगे. टेड्रोस ने कहा, वैक्सीन असमानता लोगों और नौकरियों की हत्या है और यह वैश्विक आर्थिक सुधार को कमजोर करती है. थोड़े से देशों में बूस्टर के बाद बूस्टर डोज देना, महामारी को समाप्त नहीं करेगा क्योंकि दुनियाभर में अरबों लोग अब भी असुरक्षित हैं. ओमिक्रॉन अंत नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-स्वरा भास्कर को डबल वैक्सीन लेने के बाद हुआ कोरोना, हुईं आइसोलेट
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