चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन से मिले पैनल के विचार के आधार पर वीरेश कुमार भावरा को नए डीजीपी के रूप में नियुक्त किया है. वीके भावरा 1987 बैच के आइपीएस अफसर हैं. बड़ी बात यह है कि वीके भावरा को ऐसे समय डीजीपी नियुक्त किया गया है, जब पंजाब सरकार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूरक्षा में चूक को लेकर किरकिरी हो रही है.
राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले ही उनके नाम पर मुहर लगाई है. चन्नी सरकार ने उनके नाम की आधिकारिक घोषणा भी कर दी है. वीरेश कुमार भावरा वर्तमान डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह लेंगे.
बता दें कि यूपीएससी ने डीजीपी के पद के लिए तीन अफसरों का चयन किया था, जिसमें 1987 बैच के ही दिनकर गुप्ता, वीके भावरा और 1988 बैच के प्रबोध कुमार थे.
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक होने के कारण पद से हटाया गया है. प्रोटोकॉल के तहत राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को प्रधानमंत्री के काफिले के साथ रहना जरूरी है, लेकिन दोनों अधिकारी उस वक्त काफिले में नहीं थे. इतना ही नहीं डीजीपी की ओर से रूट क्लियर होने का ग्रीन सिग्नल मिला था. उसके बाद ही प्रधानमंत्री सड़क के रास्ते रवाना हुए थे. लेकिन आगे सड़क को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर रखा था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक, पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय को खत लिखकर कही ये बात
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