नई दिल्ली. पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में हुई गंभीर चूक के मामले में पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को गोलमोल जवाब दे दिया है. पंजाब सरकार द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक हुई है और यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जिसकी रिपोर्ट 3 दिन में आएगी. पंजाब सरकार का यह पत्र इसलिए भी अब बेइमानी हो जाता है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गठित केंद्र और राज्य सरकार दोनों की जांच कमेटियों पर सोमवार तक के लिए रोक लगा दी है .
पंजाब के फिरोजपुर जिले में हुई सुरक्षा चूक के मामले में पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा है. इस पत्र में बताया गया है कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भेजा गया वह पत्र मिला है जिसमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई गंभीर चूक के मामले में उन्हें जवाब देने के के लिए कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि इस घटना को पंजाब सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी से 3 दिन में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.
पंजाब के मुख्य सचिव द्वारा भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि पंजाब सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले में गठित कमेटी की बाबत भी सूचना मिली है. यह कमेटी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कैबिनेट सेक्रेटेरिएट के सुरक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित की है. पंजाब सरकार के पत्र के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया गया है कि पंजाब सरकार ने इस मामले में एफआईआर फिरोजपुर जिले के पुलिस स्टेशन कुलगढ़ी में दर्ज कराई है और इसके साथ ही पंजाब सरकार के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के निदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले में वे व्यक्तिगत तौर पर जांच को देखें. पंजाब सरकार के पत्र में केंद्र सरकार को यह आश्वासन दिया गया है कि इस मामले की सभी तरीके से जांच की जाएगी और कमेटी द्वारा जो रिपोर्ट सामने आएगी उस आधार पर कड़े एक्शन लिए जाएंगे.
दिलचस्प है कि इस पूरे पत्र में पंजाब सरकार ने कहीं भी यह नहीं बताया है कि इस गंभीर चूक के लिए आरंभिक तौर पर कौन जिम्मेदार है और उन्होंने इस गंभीर चूक के लिए कोई प्रशासनिक कार्रवाई की है या नहीं. यानी कुल मिलाकर पंजाब सरकार का यह पत्र केंद्र सरकार को दिया गया गोलमोल जवाब है और एक तरह से केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जो पत्र दिया गया था जिसमें इसके लिए जवाब मांगा गया था उस पर पर्दा डालने की कोशिश है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों की कमेटी की जांच पर सोमवार तक रोक लगी हुई है और सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय लेगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होगी या किस तरह की जांच होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश को मोदी सरकार की सौगात, माँ कामाख्या देवी के दर्शन के लिए चलाई गई नई ट्रेन
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