आज का दिन- बुधवार, 12 जनवरी 2022, अवसाद मुक्ति के लिए शिव की ज्योति स्वरूप आराधना करें!

आज का दिन- बुधवार, 12 जनवरी 2022, अवसाद मुक्ति के लिए शिव की ज्योति स्वरूप आराधना करें!

प्रेषित समय :19:24:57 PM / Tue, Jan 11th, 2022

* मासिक कार्तिगाई शिवजी की ज्योति स्वरूप आराधना का पर्व है.
* इस अवसर पर यथाशक्ति दीप प्रज्वलित करें एवं बारह ज्योतिर्लिंग की स्तुति करें, जीवन में निराशा का अंधकार समाप्त होगा... नई दिशा मिलेगी...
- द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र -
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्.
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ..1..
भावार्थ- भोलेनाथ अपनी भक्ति प्रदान करने के लिए परम रमणीय सौराष्ट्र क्षेत्र गुजरात में कृपा करके अवतरित हुए हैं. मैं उन्हीं ज्योतिर्मय लिंग स्वरूप, चन्द्रकला को आभूषण बनाए हुए श्री सोमनाथ की शरण में जाता हूं.
श्रीशैलशृंगे विबुधातिसंगे तुलाद्रितुंगेऽपि मुदा वसन्तम्.
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ..2..
भावार्थ- अन्य पर्वतों से ऊंचा, जिसमें देवताओं का समागम होता रहता है. ऐसे श्री शैल श्रृंग में जो प्रसन्नतापूर्वक निवास करते हैं. जो संसार सागर को पार करने के लिए सेतु तुल्य हैं, उन्हीं श्रीमल्लिकार्जुन भगवान् को मैं नमस्कार करता हूँ.
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्.
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ..3..
भावार्थ- जो भोलेनाथ संतों को मोक्ष प्रदान करने को अवंतिकापुरी उज्जैन में अवतार धारण किए हैं, अकाल मृत्यु से बचने के लिए उन देवों के भी देव महाकाल नाम से विख्यात महादेव को मैं नमस्कार करता हूं.
कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय.
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे ..4..
भावार्थ- जो भोलेनाथ कावेरी-नर्मदा के पवित्र संगम में स्थित मान्धाता नगरी में सदा निवास करते हैं, उन्हीं अद्वितीय ओंकारेश्वर नाम से विख्यात भोलेनाथ की मैं स्तुति करता हूं.
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम्.
सुरासुराराधितपादपद्मं श्री वैद्यनाथं तमहं नमामि ..5..
भावार्थ- जो भोलेनाथ पूर्वोत्तर दिशा में वैद्यनाथ धाम के अन्दर सदा ही पार्वती सहित विराजमान हैं, देव-दानव जिनके चरण कमलों की आराधना करते हैं, उन्हीं श्री वैद्यनाथ को मैं प्रणाम करता हूं.
याम्ये सदंगे नगरेतिऽरम्ये विभूषितांगम् विविधैश्च भोगैः.
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये ..6..
भावार्थ- जो भोलेनाथ दक्षिण दिशा में स्थित सदंग नामक नगर में विविध आभूषणों से विभूषित हैं, जो भक्ति-मुक्ति को प्रदान करते है, उन्हीं अद्वितीय श्रीनागनाथ की मैं शरण में जाता हूं.
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः.
सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे ..7..
भावार्थ- जो भोलेनाथ मन्दाकिनी के तट पर स्थित केदारखण्ड नामक श्रृंग में निवास करते हैं, मुनीश्वरों द्वारा हमेशा पूजित हैं, उन्हीं केदारनाथ की मैं स्तुति करता हूं.
सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरीतीरपवित्रदेशे.
यद्दर्शनात् पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्रयम्बकमीशमीडे ..8..
भावार्थ- जो भोलेनाथ गोदावरी नदी के पवित्र तट पर स्थित स्वच्छ सह्याद्रिपर्वत के शिखर पर निवास करते हैं, जिनके दर्शन से शीघ्र सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, उन्हीं त्रयम्बकेश्वर की मैं स्तुति करता हूं.
सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यैः.
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि ..9..
भावार्थ- जो भोलेनाथ सुन्दर ताम्रपर्णी नामक नदी-समुद्र के संगम में श्रीरामचन्द्र के द्वारा अनेक बाणों से और वानरों द्वारा पुल बांधकर स्थापित किये गए हैं, उन्हीं श्रीरामेश्वर को मैं नियम से प्रणाम करता हूं.
यं डाकिनीशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च.
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शंकरं भक्तहितं नमामि ..10..
भावार्थ- जो भोलेनाथ डाकिनी-शाकिनी समूह में प्रेतों के द्वारा सदैव सेवित होते हैं, उन्हीं भक्तहितकारी भीमशंकर शिव को मैं प्रणाम करता हूं.
सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्.
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये ..11..
जो भोलेनाथ काशी में आनन्दपूर्वक निवास करते हैं, जो पाप समूह का नाश करने वाले हैं, ऐसे अनाथों के नाथ काशीपति श्री विश्वनाथ की मैं शरण में जाता हूं.
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम्.
वन्दे महोदारतरं स्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये ..12..
भावार्थ- जो भोलेनाथ इलापुर के सुरम्य मंदिर में विराजमान होकर समस्त जगत के आराधनीय हो रहे हैं, मैं उन घृष्णेश्वर की शरण में जाता हूं.
ज्योतिर्मयद्वादशलिंगकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण.
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च..13..
भावार्थ- जो भक्त क्रमपूर्वक कहे गये इन बारह ज्योतिर्लिंगों के स्तोत्र का भक्तिपूर्वक पाठ करे तो इनके दर्शन से होने वाले फल को प्राप्त कर सकता है!

- आज का राशिफल- 
मेष राशि:- आसानी से लोगों की मदद मिलने की वजह से आप अपने लिए कोई खतरा न पैदा करते चले जाएँ. अपने खर्चों क व्यर्थ में बढ़ा लेना भी एक तरह की गलती है जिसे बेकाबू न होने दें.

वृष राशि:- कामकाज के क्षेत्र में आपके साथी सहयोगी हों या आपके बॉस, किसी से भी मतभेद में बिलकुल न पड़ें. ऐसा करके आप अपनी दिक्कतों को कहीं इतना न बढ़ा लें की उसका बुरा असर आपके काम की स्थिरता पर पड़े.

मिथुन राशि:- किसी प्यार के रिश्ते को समझने में या उसमे समय लगाने में कोई कमी न रखें. हालात मददगार हैं इसलिए भी अपनी स्तिथि का सही आंकलन करना होगा, ताकि घर-परिवार से जुडी चिन्ताओं को लेकर आप कहीं परेशान न हो जाएँ.

कर्क राशि:- घर-परिवार में किसी छोटी बात को लेकर किसी बात को बिगाड़ें नहीं. ऐसे किसी अहम व्यक्ति को नाराज़ कर लेना ठीक नहीं है जो आपकी मदद करना चाह रहा है.

सिंह राशि:- अपनी मेहनत को और अपनी लगन को इस रूप से बनायें की वो आपको लोगों से जोड़ सके. रिश्तों की अच्छी बनती हुई संभावनाओं से कामकाज के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी. अपने साथी सह्योगिओं को किसी भी वजह से शक की नजर से बिलकुल न देखें.

कन्या राशि:- किसी भी तरह की बहस में पैसे को मुद्दा न बनायें. ऐसा करने से पैसे के फंसने का अंदेशा हो जायेगा और यही इस समय ठीक नहीं है.

तुला राशि:- चाहे घर-परिवार के रिश्तों की बात हो या किसी प्यार के रिश्ते की, किसी भी एक रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए किसी दुसरे रिश्ते को नाराज़ न कर लें. ऐसा करके आप व्यर्थ में लोगों से फासले न बढाते चले जाएँ.

वृश्चिक राशि:- अपनों के करीब आने के जो भी अच्छे मौके मिल रहे हैं उन्हें अपने हाथ से जाने न दें. ऐसे में अपनी सीमाओं से बढ़कर भी कुछ किसी के लिए कुछ करना पड़े तो भी घबराएँ नहीं.

धनु राशि:- अपने दोस्तों से किसी बहस में बिलकुल न पड़ें और अगर कोई बहस छिड जाये तो उसमे सिर्फ अपने फायदे की बात न करते चले जाएँ, ऐसा करके आप कहीं अपनी छवि न बिगाड़ लें.

मकर राशि:- अपने कामकाज में नियमित हो जाने के जो फायदे हैं उन्हें कम न समझें. अपने पैसे की स्तिथि को अगर बचाए रखना है तो बहुत ज्यादा उदारता भी न दिखाएँ. थोडा सा अपना हाथ खींच लें.

कुम्भ राशि:- अपनी अच्छाई को बनाये रखना है तो किसी भी तरह की गलतफ़हमी में न पड़ें. अपनी बात बहुत स्पष्टता से कहें ताकि कोई दिक्कत पैदा ही न हो.

मीन राशि:- अपने काम या कारोबार को लेकर कोई ऐसा बड़ा कदम न उठायें जो आपको किसी खतरे में डाल दे. ऐसे समय में अपनी बचत को भी किसी खतरे में डालना ठीक नहीं होगा.

* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- बुधवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- लाभ                         पहला- उद्वेग
दूसरा- अमृत                         दूसरा- शुभ
तीसरा- काल                       तीसरा- अमृत
चौथा- शुभ                            चौथा- चर
पांचवां- रोग                         पांचवां- रोग
छठा- उद्वेग                         छठा- काल
सातवां- चर                          सातवां- लाभ
आठवां- लाभ                       आठवां- उद्वेग

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

पंचांग  
बुधवार, 12 जनवरी, 2022
मासिक कार्तिगाई
शक सम्वत1943   प्लव
विक्रम सम्वत2078
काली सम्वत5122
प्रविष्टे / गत्ते28
मास पौष
दिन काल10:28:13
तिथि दशमी - 16:51:22 तक
नक्षत्रभरणी - 14:00:06 तक
करणगर - 16:51:22 तक, वणिज - 30:11:55 तक
पक्ष शुक्ल
योगसाघ्य - 11:36:06 तक
सूर्योदय07:15:19
सूर्यास्त17:43:33
चन्द्र राशि मेष - 20:45:44 तक
चन्द्रोदय13:28:59
चन्द्रास्त27:15:59
ऋतु शिशिर
अभिजित मुहूर्त कोई नहीं
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास पूर्व - 08:46 पी एम तक
दक्षिण - 08:46 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास दक्षिण-पश्चिम
* कर्पूरगौरं, करुणावतारं.... 

https://www.youtube.com/watch?v=G4Hk3q5VVbw


    

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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