पलपल संवाददाता, जबलपुर/रीवा. मध्यप्रदेश के रीवा के किसान धर्मजय सिंह की कोरोना संक्रमण के चलते चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 8 महीने बाद उपचार के दौरान मौत हो गई, धर्मजय सिंह के इलाज में 8 करोड़ रुपए खर्च हुए है. अपोलो अस्पताल में भरती धर्मजयसिंह की लंदन के डाक्टरों द्वारा मानिटरिंग की जा रही थी.
बताया गया है कि ग्राम रकरी मऊगंज जिला रीवा निवासी धर्मजयसिंह उम्र 50 वर्ष का 30 अप्रेल 2021 को जांच के लिए सेम्पल लिया गया, दो मई को मिली रिपोर्ट में वे कोरोना संक्रमित पाए गए, शुरुआत में उनका रीवा के ही संजय गांधी अस्पताल में भरती कर इलाज कराया गया, हालत में बेहतर सुधार न होने कारण 18 मई को एयर एम्बुलेंस से चेन्नई के अपोलो अस्पताल शिफ्ट किया गया. अपोल अस्पताल में भरती धर्मजय सिंह के फेफड़े 100 प्रतिशत संक्रमि होने के कारण एक्मो मशीन के जरिए नया जीवन देने की कोशिश की जा रही थी, जिसमें विदेश के डाक्टरों की टीम इलाज में जुटी रही, यहां तक कि लंदन से डाक्टरों द्वारा भी मानिटरिंग की जाती रही. 254 दिन तक चले इलाज के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हो पाया और देर रात उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई.
स्ट्राबेरी व गुलाब की खेती में विंध्य को दिलाई विशिष्ठ पहचान-
बताया गया है किसान धर्मजयसिंह ने स्ट्राबेरी और गुलाब की खेती को विंध्य में विशिष्ट पहचान दिलाई थी. जिसके चलते किसान धर्मजयसिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी 2021 को पीटीएस मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में सम्मानित किया था. वे कोरोना काल में लोगों की सेवा करते समय संक्रमित हुए थे.
इलाज के लिए बेचना पड़ी 50 एकड़ खेती-
धर्मजयसिंह के पास करीब 100 से ज्यादा जमीन रही, उनके इलाज के लिए रुपयों की जरुरत पडऩे पर परिजनों ने 50 एकड़ जमीन बेच दी, जिनके इलाज में 4 से 5 लाख रुपए प्रतिदिन खर्च होता रहा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में तीसरी लहर के बीच कोरोना पाजिटिव वृद्ध की निजी अस्पताल में मौत..!
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