पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. एमपी में पंचायत चुनाव को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है, जिसके चलते ऐसा माना जा रहा है कि अप्रेल-मई में पंचायत चुनाव हो सकते है, राज्य निर्वाचन आयोग ने परिसीमन व वोटर लिस्ट बनाने के लिए टाइम लाइन जारी कर दी है, जिसके लिए 45 दिन का समय दिया गया है, इस बीच यह भी संभावना व्यक्त की गई है कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण का मामला भी सुलझ सकता है.
बताया जाता है कि ओबीसी आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से पंचायत चुनाव निरस्त कर दिए गए थे, इसके बाद एक बार फिर राज्य निर्वाचन आयोग ने परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करने की टाइम लाइन जारी कर दी है, अब वोटर लिस्ट बनने, परिसीमन होने के साथ अधिसूचना जारी होने तक लगभी 3 माह का समय लगेगा, यदि सबकुछ सही रहा तो अप्रेल-मई के बीच पंचायत चुनाव कराने की घोषणा हो सकती है. चर्चाओं मेें यह बात भी सामने आ रही है कि 17 से 28 फरवरी तक होने वाली परिसीमन की कार्यवाही बिना किसी विवाद के समाप्त हो जाती है और आरक्षण का मसला सुलझ जाता है तो चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू करने में अधिक से अधिक 15 दिन का समय लगेगा, इसके बाद अधिसूचना जारी की जा सकती है, आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 17 जनवरी को होनी है. इधर पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का कहना है परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सरकार ने तय किया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं कराएंगे. इस हिसाब से लगता है कि चुनाव जल्द से जल्द करा लिए जाएगें, किन्तु अब यह भी देखना होगा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति क्या रहती है. सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि तय समय सीमा में चुनाव कराए. हमारा कहना था कि परिसीमन दोबारा हो, तो उसे दोबारा किया जा रहा है, ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत हो. इसके बाद चुनाव शुरू हो जाएंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नए परिसीमन से मध्य प्रदेश में होंगे पंचायत चुनाव, नया अध्यादेश जारी
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