नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय जानकारों ने कहा है कि कोविड-19 से जूझ रहे गंभीर मरीज़ों के लिए corticosteroids के साथ rheumatoid arthritis से जुड़ी दवा Baricitinib बेहद कारगर रहेगी. WHO के इस विशेषज्ञ समूह ने कहा है कि Baricitinib को करीब 2500 मरीज़ों पर आज़माया गया और सामने आया कि इस दवा से वेंटिलेटर की नौबत कम आती है और किसी तरह का खराब प्रभाव भी शरीर पर नहीं पड़ता, साथ ही आपके बीमारी से निपटने की संभावना भी बढ़ती है.
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के नए नियमों का हवाला देते हुए Doctors without Borders नाम की संस्था ने कहा है कि दवाइयों पर पेटेंट एकाधिकार, किसी के भी इलाज में बाधा बनकर नहीं आना चाहिए. इस संगठन का कहना है कि Baricitinib पहले से ही rheumatoid arthritis के लिए दी जाती रही है और भारत तथा बांग्लादेश में इस दवा के जेनेरिक संस्करण काफी सस्ते दाम पर उपलब्ध हैं.
इस दवा का पेटेंट एलि लिली कंपनी के पास है जो एक बार के इलाज के लिए करीब 2300 डॉलर में ये दवा उपलब्ध करवाती है, वहीं भारत में ये 14 दिन के इलाज के लिए करीब 5.50 अमेरिकी डॉलर और बांग्लादेश में 6 डॉलर में उपलब्ध है. हैदराबाद की नाटको फार्मा ने उल्लघंन का खतरा मोल लेते हुए Baricitinib at 420 लेकर आई जिसके बाद एलि लिली ने मजबूर होकर भारतीय बाजार के लिए जेनेरिक दवा बनाने वाले कई भारतीय निर्माताओं को इस दवा के लिए स्वेच्छा से लाइसेंस दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना के नए मामलों में 6.7 फीसदी की उछाल, पिछले 24 घंटों में 2 लाख 64 हजार से ज्यादा केस दर्ज
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