लाइफस्टाइल में इन दो बदलावों से काफी कम हो जाता है कैंसर का खतरा

लाइफस्टाइल में इन दो बदलावों से काफी कम हो जाता है कैंसर का खतरा

प्रेषित समय :09:37:07 AM / Fri, Jan 14th, 2022

कैंसर रिसर्च के लिए यूके की स्ट्रेटजिक एविडेंस एंड अर्ली डायग्नोसिस प्रोग्राम की प्रमुख डॉ. जोडी मोफ्फात का कहना है कि अगर लोग ज्यादा जीते हैं तो कैंसर होने की आशंका भी ज्यादा होगी, लेकिन कैंसर को विकसित करने से रोकने के लिए भी बहुत कुछ किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि कैसे कैंसर को रोका जा सकता है...

डॉ.जोडी कहती हैं कि 40 फीसद कैंसर हमारे लाइफस्टाइल यानी जिंदगी जीने के तरीके की वजह से होता है. और लाइफस्टाइल को ठीक करके इसे रोका जा सकता है. जैसे धूम्रपान, यह बहुत ज़रूरी है कि लोगों को धूम्रपान बंद करने के लिए प्रेरित किया जाए.

धूम्रपान असमानता की एक बहुत बड़ी वजह बनता है. अगर हम लोगों को धूम्रपान रोकने में मदद करते हैं तो यह कैंसर की रोकथाम में बहुत मददगार हो सकता है.

डॉ. मोफ्फात के मुताबिक दूसरी अहम वजह है, वजन. अगर शरीर के वजन को काबू में रखा जाए तो कैंसर भी काबू में रह सकता है. हालांकि कोविड के दौरान लोगों की कसरत पर लगाम लग जाने से यह एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि अब लोग ज्यादा से ज्यादा वक्त घर पर बिता रहे हैं. लेकिन हमें इसके लिए कोई ना कोई तरीका ढूंढना ही पड़ेगा क्योंकि कोरोना के बढ़ने की वजह भी कहीं ना कहीं हमारी इम्यूनिटी का कमजोर होना ही था. 

रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी मात्रा में प्रोसेस्ड मांस खाने से भी कैंसर के खतरे में थोड़ा सा इजाफा होता है. लाल और प्रोसेस्ड मांस खाने से बाउल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. रोजाना 90 ग्राम लाल या प्रोसेस्ड मांस खाते हैं उन्हें इसे घटाकर 70 ग्राम कर देना चाहिए. लाल मांस जिसमें गोमांस, सुअर और भेड़ शामिल होती है. वहीं प्रोसेस्ड मांस में सॉसेज, बेकन और लंचियोन मांस जो चिकन और टर्की का बना होता है, उसे शामिल किया जाता है.

कसरत के लाभों को नजरअंदाज किसी भी हालत में नहीं किया जा सकता है. शारीरिक गतिविधियों को संतुलित करके स्तन और कोलन कैंसर पर लगाम लगाई जा सकती है. व्यस्कों को हफ्ते में 150 मिनट हल्की कसरत या 75 मिनट कड़ी कसरत करनी चाहिए. आमतौर पर नियमित 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि की सलाह दी जाती है. डॉ. मोफ्फात का कहना है कि इन बातों का ध्यान रखना और धूम्रपान को छोड़ना कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है.

अगर कोई पूरी तरह से स्वस्थ है, फिर भी उसे कैंसर हो जाता है. ऐसे में उसके इलाज के विकल्प खुले रहते हैं. क्योंकि कई बार जब लोग स्वस्थ नहीं रहते हैं, ऐसे में बहुत से विकल्प उनके लिए बंद हो जाते हैं, मसलन शल्य चिकित्सा जो आपको बेहतर स्थिति दे सकती है, कई बार स्वस्थ ना होने की वजह से इससे वंचित रहना पड़ता है. इसी तरह कीमोथैरेपी,या रेडिएशन को भी स्वस्थ शरीर आसानी से झेल लेता है.

शराब का सेवन और धूप भी है खराबएनएचएस के मुताबिक सूरज की रोशनी में कम रहना और अल्कोहल का सेवन कम करना, इन दो तरीकों से भी कैंसर से बचा जा सकता है. जब सूरज की रोशनी तेज होती है उस दौरान खुद को उससे बचाने पर स्किन कैंसर के खतरे को टाला जा सकता है. अगर धूप में निकलना बहुत जरूरी है तो सनस्क्रीन लगाकर निकलें. इसी तरह अल्कोहल भी कैंसर के खतरे को बढ़ाता है.  

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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