भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद कर दिया है, लेकिन अब आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने के निर्देश भी जारी हो गए हैं. कुछ जिलों में बच्चों के पॉजिटिव होने की ख़बर मिल रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्कूल बंद करने का फैसला लेने के बाद अब आंगनबाड़ियों को भी अगले आदेश तक बंद करने के निर्देश दिए हैं.
महिला बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. राम राव भोसले ने आदेश जारी कर कहा है कि कोविड-19 संक्रमण की स्थिति में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन स्थगित करने का निणर्य लिया गया है. महिला बाल विकास के भोपाल जिला कार्यालय अधिकारी योगेंद्र यादव ने बताया कि जिले में संचालित हो रही 1872 आंगनबाड़ियों में से 1261 शहरी सीमा के अंदर है, इनमें 0 से 6 वर्ष तक के करीब 2 लाख बच्चे पूरक पोषण आहार लेने आते हैं.
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ियों में अभी तक किसी बच्चे के पॉजिटिव होने की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह फैसला किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्र कार्यकर्ताओं के लिए खुलेंगे. बच्चों को पहले की व्यवस्था में रेडी टू ईट उपलब्ध कराया जाएगा. शनिवार देर रात तक की रिपोर्ट में संक्रमण की दर 15% को छू गई है. इधर राहत की बात यह है कि वैक्सीनेशन की वजह से तीसरी लहर में वायरस उतना असर नहीं दिखा रहा, जितना दूसरी में था
होम आइसोलेशन में रह रहे पॉजिटिव मरीजों में 95 फीसदी तो ऐसे हैं, जिनको कोई लक्षण ही नहीं है. एक्सपर्ट डॉक्टर बताते हैं कि भारत में कोई भी महामारी हो, वह तीसरी लहर में कमजोर हो ही जाती है. इस बार अस्पताल खाली है और होम आइसोलेशन भरा हुआ है. डॉक्टर भी मानते हैं कि अब न तो मरीज को ऑक्सीजन की समस्या हो रही है और न ही पल्स रेट में कोई परेशानी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के बुरहानपुर में जिला प्रशासन ने सील की महाराष्ट्र सीमा, आरटी-पीसीआर टेस्ट पर बवाल
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