नालंदा. बिहारशरीफ शहर के छोटी पहाड़ी में हुए शराब कांड में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. पटना रेंज के आइजी संजय कुमार के निर्देश पर एसपी अशोक मिश्रा ने सोहसराय थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद को निलंबित कर दिया. शराब के धंधे से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. पूरे इलाके में शनिवार की सुबह से ही कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उधर, डीएम ने बताया कि प्रथम दृष्टया शराब पीने से ही मौत होने की बात मान कर जांच की जा रही है.
मद्य निषेध व उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि मामले की जांच के लिए मद्य निषेध आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी को नालंदा भेजा गया है. उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. पुलिस भी अपने स्तर पर जांच कर रही है. इधर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात पर विचार करना चाहिए कि जब प्रधानमंत्री कृषि कानून वापस ले सकते हैं, तो बिहार सरकार शराबबंदी कानून वापस क्यों नहीं ले सकती. शराबबंदी की समीक्षा करनी जरूरी है.
नालंदा जिले के प्रभारी सह शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शराबबंदी कानून का समर्थन करते हुए कहा कि नालंदा घटनाक्रम से इस कानून की उपयोगिता और साबित हो रही है, क्योंकि शराब पीना जानलेवा है. उन्होंने दो टूक कहा कि शराबबंदी कानून का परोक्ष रूप से इसके औचित्य पर सवाल उठाना अनुचित है, यह देखते हुए कि यह कानून सभी दलों की सहमति से पास किया गया था.
नालंदा जिले में कथित रूप से शराब पीने से 11 लोगों की मौत को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फेसबुक पोस्ट कर उन्होंने कहा है कि प्रशासन शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर शराबबंदी लागू करनी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार के सुपौल में ट्रेनिंग के दौरान करंट की चपेट में आने से 3 जवानों की मौत, 10 जवान घायल, 4 गंभीर
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