उत्तर प्रदेश में आप ने जारी की पहली लिस्ट, जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश

उत्तर प्रदेश में आप ने जारी की पहली लिस्ट, जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश

प्रेषित समय :08:27:16 AM / Mon, Jan 17th, 2022

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी राज्य की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और रविवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह ने 150 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. वहीं जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने टिकट दिए हैं. जिसके तहत सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग के प्रत्याशियों को टिकट दिए गए हैं. वहीं इसके बाद ब्राह्मणों को टिकट दिए गए हैं. आप ने 55 ओबीसी वर्ग के प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं.

पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि राज्य में बदलाव की नई राजनीति के लिए वह गंदी राजनीति पर झाड़ू लगाएंगे. इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और किसानों को राजनीति के केंद्र में रखते हुए वे जनता के बीच जा रहे हैं. आप ने इससे पहले 215 प्रभारियों को तैनात किया था, जिनमें से केवल अच्छा कार्य करने वालों को उम्मीदवार बनाया गया है.

पार्टी ने पहली लिस्ट में 55 ओबीसी, 31 अनुसूचित जाति, 14 अल्पसंख्यक, छह कायस्थ, सात व्यापारी और 36 ब्राह्मणों को टिकट दिए हैं. संजय सिंह ने कहा कि वह जल्दी पार्टी का घोषणा पत्र लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि ये पार्टी की गारंटी होगी और इसे गारंटी पत्र का नाम दिया गया है. असल में राज्य में सभी सियासी दल पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं और इस मामले में आप भी पीछे नहीं हैं.

पार्टी के राज्यसभा सांसद सांसद सिंह ने कहा कि आप चुनावी मैदान में योग्य उम्मीदवार मैदान में उतारा है. ताकि चुनाव जीतने के बाद वह समाज की बेहतरी के लिए कार्य कर सकें. पार्टी द्वारा जिन प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है. उसमें आठ ने एमबीए डिग्री धारक, 38 पोस्ट ग्रेजुएट हैं, चार डॉक्टर हैं, आठ पीएचडी धारक हैं, सात इंजीनियर हैं, आठ बीएड हैं, 39 ग्रेजुएट हैं और छह डिप्लोमा प्राप्त हैं. इसके साथ ही पहली सूची में आठ महिलाओं को भी पार्टी ने टिकट दिया है.

वहीं संजय सिंह ने हाल ही में बीजेपी को छोड़कर समाजवादी पार्टी में जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि वह कह रहे हैं कि पिछड़ों और दलितों की काफी उपेक्षा हुई है, जबकि बीजेपी शुरू से ही दलित और पिछड़ों की विरोधी रही है. उन्हें अब चुनाव के समय सामाजिक न्याय की याद आ रही है. उनकी बेटी सामाजिक न्याय के जरिए बीजेपी को जीत दिला रही है जबकि मौर्या एसपी को जीत दिला रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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