जबलपुर. संभागायुक्त जबलपुर ने सीईओ जिला पंचायत मंडला के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें ग्राम पंचायत बरगांव की सरपंच (प्रधान) को छह वर्ष के लिए चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित कर दिया था. संभागायुक्त कोर्ट ने अगली सुनवाई नौ फरवरी को निचली अदालत का रिकार्ड भी पेश करने के निर्देश दिए हैं.
सीईओ जिला पंचायत मंडला ने तीन दिसंबर, 2021 को सरपंच नयनवती काकोडिय़ा व ग्राम सचिव सेवक राम कुंजाम पर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने के आरोप में वसूली आदेश जारी किया था. इसी के साथ सीईओ ने मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत अगले छह साल तक के लिए चुनाव लडऩे से अयोग्य घोषित कर दिया था. सरपंच की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा व रामजी चौबे ने संभागायुक्त जबलपुर के समक्ष सीईओ के आदेश को चुनौती देते हुए अपील पेश की. उन्होंने दलील दी कि अधिनियम की धारा 92 की उपधारा पांच में जनप्रतिनिधि को छह वर्ष के लिए अयोग्य तभी घोषित किया जा सकता है जब इसकी उपधारा एक से चार तक का पालन किया गया हो. उन्होंने अवगत कराया कि इस मामले में केवल जनपद पंचायत सीईओ के पत्र के आधार पर कार्रवाई की गई है. कार्रवाई एकतरफा की गई और सरपंचा को सुनवाई तथा प्रति परीक्षण का अवसर नहीं दिया गया. जांच के दौरान भी उन्हें शामिल नहीं किया गया, इसलिए पूरी कार्रवाई अवैधानिक है.
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