शादी के 12 दिन बाद ही कपल रहने लगा अलग, गुजरात हाईकोर्ट ने तलाक देने से किया इनकार

शादी के 12 दिन बाद ही कपल रहने लगा अलग, गुजरात हाईकोर्ट ने तलाक देने से किया इनकार

प्रेषित समय :09:46:57 AM / Mon, Jan 24th, 2022

अहमदाबाद. गुजरात में तलाक से संबंधित एक ऐसा मामला आया है, जिसके लिए फैमिली कोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने भी इनकार कर दिया है. तलाक की अर्जी लेकर गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे दंपती को वहां भी झटका लगा है. अब दोनों सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहे हैं. दरअसल गुजरात के अहमदाबाद का यह कपल शादी के 12 दिन बाद ही अलग हो गया था. अब यह कपल कोर्ट में अर्जी लगाकर तलाक मांग रहा है. उसका कहना है कि उसे 6 महीने के आवश्‍यक कूलिंग ऑफ पीरियड से छूट देते हुए तलाक की अनुमति दी जाए.

गुजरात के कपल की शादी 8 दिसंबर, 2020 को हुई थी. लेकिन इसके 12 दिन बाद यानी 20 दिसंबर को ही दोनों अलग हो गए थे. इसके बाद उन्होंने दिसंबर, 2021 को फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई और मांग की कि वह एक साल से अलग रह रहे हैं. ऐसे में उन्‍हें तलाक की अनुमति दी जाए. उन्होंने कोर्ट से यह भी मांग की कि उन्‍हें छह महीने के आवश्‍यक कूलिंग ऑफ पीरियड से छूट देते हुए तलाक की अनुमति दी जाए.

जबकि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 (बी) के तहत फैमिली कोर्ट की ओर से आवश्यक रूप से कपल को छह महीने का समय देना अनिवार्य है ताकि वे अपनी शादी को बचा पाएं. 4 जनवरी को फैमिली कोर्ट ने दोनों की अर्जी को खारिज कर दिया था. इसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट में कपल ने कहा कि दोनों ने आपसी सहमति से तलाक लेने और एक-दूसरे के खिलाफ दायर किए गए आपराधिक मामलों को वापस लेने का फैसला किया है. उनकी ओर से यह भी कहा गया है कि फैमिली कोर्ट ने उनमें मध्यस्थता कराने का भी प्रयास किया लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. ऐसे में उन्हें 6 महीने का कूलिंग ऑफ पीरियड से छूट देते हुए तलाक की अनुमति दी जाए.

फैमिली कोर्ट के वकील संजीव ठाकर का कहना है कि कानून में प्रावधान है कि दंपती को 6 महीने का समय दिया जाए, ताकि वे अपनी शादी को बचाने और अलग ना होने के बारे में सोच सकें. कानून के अनुसार दंपती को तलाक लेने के लिए एक साल तक अलग रहना और छह महीने का यह कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा करना अनिवार्य है.

उनका कहना है कि इस दंपती के मामले में उन्होंने एक साल अलग रहते हुए तो पूरे कर लिए हैं. लेकिन अभी उनका 6 महीने का कूलिंग ऑफ पीरियड नहीं खत्म हुआ है. ऐसे में सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के पास ही यह अधिकार है कि वो दंपती का कूलिंग ऑफ पीरियड अनिवार्य ना करके उन्हें तलाक की अनुमति दे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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