मोदी सरकार ने दिया दशकों पुराने चाय, मसालों के कारोबार से संबंधित कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव

मोदी सरकार ने दिया दशकों पुराने चाय, मसालों के कारोबार से संबंधित कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव

प्रेषित समय :16:02:43 PM / Sun, Jan 30th, 2022

नई दिल्ली. वाणिज्य मंत्रालय ने चाय, कॉफी, मसालों और रबर से संबंधित दशकों पुराने कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव किया है. मंत्रालय ने इन सेक्टर्स की ग्रोथ और कारोबारों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए नए विधेयकों को पेश करने का भी प्रस्ताव किया है. मंत्रालय ने हितधारकों से स्पाइसेज (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022, रबर (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022, कॉफी (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022, टी (प्रमोशन एंड डेवलपमेंट) बिल, 2022 के ड्राफ्ट पर विचार मांगे हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, आम लोग या हितधारक इन चारों ड्राफ्ट बिलों पर इस साल 9 फरवरी तक अपने विचारों को भेज सकते हैं.

चार अलग-अलग ऑफिस मेमोरेंडम में, वाणिज्य विभाग ने कहा कि वह टी एक्ट, 1953, स्पाइसेज एक्ट, 1986, रबर एक्ट, 1947 और कॉफी एक्ट, 1942 को वापस लेने का प्रस्ताव कर रही है.

वाणिज्य मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए ड्राफ्ट बिलों के मुताबिक, यह प्रस्ताव किया जाता है कि इन एक्ट को वापस लिया जाए और मौजूदा वास्तविकताओं और उद्देश्यों को दिखाने के लिए नया विधेयक लाया जाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि चाय से संबंधित एक्ट को वापस लेने के प्रस्ताव के पीछे मुख्य वजह है कि हाल के दशक में चाय जिस तरीके से उगाई, मार्केटिंग और खपत की जाती है, उसमें बहुत बड़ा बदलाव आया है और इससे मौजूदा एक्ट का संशोधन जरूरी हो गया है.

इसमें आगे कहा गया है कि चाय के आधुनिक कामों के क्षेत्रों के लिए स्थानीय व्यवस्था को सही करना होगा, जिसमें चाय उगाने वालों के लिए उत्पादन, क्वालिटी में सुधार, चाय के प्रमोशन और स्किल डेवलपमेंट के लिए समर्थन दिया जाए. इसके मुताबिक, इनमें से बहुत सी चीजों को टी बोर्ड के कामों में पहले शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अब इसके कामों और शक्तियों में शामिल किए जाने की जरूरत है.

ड्राफ्ट किए गए मसालों से संबंधित बिल में दी गई जानकारी के मुताबिक, मसालों की पूरी सप्लाई चैन पर ध्यान दिलाने के लिए स्पाइसेज बोर्ड को बनाए जाने की जरूरत है. उभरती हुई क्वालिटी, मसालों के सेक्टर में खाद्य सुरक्षा की जरूरतों और नैचुरल कलर्स की आधुनिक तकनीकों को देखते हुए, यह अनिवार्य हो जाता है कि रिसर्च में सपोर्ट किया जाए. इसके आगे कहा गया है कि एक्ट में मौजूद कुछ कभी नहीं इस्तेमाल किए गए या बेकार प्रावधानों को हटाए जाने की जरूरत है. और अपराधों का गैर-क्रिमिनाइजेशन करने और मसालों के क्षेत्र में कारोबार करने को आसान बनाने में भी मदद करना है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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