फिरोजाबाद. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासत चरम पर है. नेता लगातार जनता से वादे कर रहे हैं. राजनीतिक दलों के नेता विपक्षियों पर आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं. इन सबके बीच टिकट को लेकर भी मारामारी मची हुई है. ऐसा ही एक मामला फिरोजाबाद में सामने आया है. फिरोजाबाद में बहुजन समाज पार्टी की ओर से सदर सीट से अचानक एक और प्रत्याशी आने से बीएसपी में घमासान मच गया. दरअसल, बसपा ने सबसे पहले फिरोजाबाद सदर सीट से बबलू सिंह राठौर उर्फ गोल्डी को टिकट दिया था. बसपा ने अचानक से गोल्डी का टिकट काटकर साजिया बेगम को दे दिया. साजिया बेगम ने 3 दिन पहले ही नामांकन किया था. इस बीच, बुधवार को नामांकन के अंतिम दिन गोपनीय तरीके से बसपा प्रत्याशी के रूप में राहुल मिश्रा ने भी पर्चा दाखिल कर दिया. इसके बाद बसपा में घमासान मच गया. बसपा के दोनों पक्षों के पदाधिकारियों के बीच जिला मुख्यालय में रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जमकर तू-तू-मैं-मैं हुई.
इस बात की जानकारी बसपा प्रमुख मायावती को भी दी गई. इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने रात के तकरीबन 10 बजे रिटर्निंग ऑफिसर को फोन किया. इसके बाद साजिया बेगम का पर्चा फाइनल किया गया. साजिया बेगम का आरोप है कि षडयंत्र के तहत उनके साथ ऐसा किया गया. बता दें कि सदर सीट से बसपा की ओर से एक और प्रत्याशी द्वारा पर्चा दाखिल करने से खलबली मच गई थी.
एक-एक कैंडिडेट का ऐलान किया था
बीते 31 जनवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने चार प्रत्याशियों की एक और लिस्ट जारी की थी. इसमें तीसरे और चौथे चरण की बची हुई सीटों के प्रत्याशियों के नाम थे. बसपा ने लखीमपुरखीरी की दो सीटों के अलावा कासगंज और पीलीभीत के एक-एक कैंडिडेट का ऐलान किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बने गुलाम नबी आजाद, हुड्डा और राज बब्बर
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