नई दिल्ली. पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर निर्वाचन आयोग ने चुनावी रोड शो, वाहन रैलियों और जुलूसों पर पाबंदी जारी रखी है. हालांकि उसने बंद भवनों में सार्वजनिक जनसभाओं और खुले स्थान पर होने वाली बैठकों के लिए और छूट दी है. साथ ही साथ घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने वाले लोगों की अधिकतम संख्या 20 ही रहेगी. रात 8 बजे से सुबह 8 बजे के बीच प्रचार पर रोक भी पहले की तरह जारी रहेगी. यह जानकारी चुनाव आयोग ने रविवार को दी है. दरअसल, चुनाव आयोग कोरोना महामारी के बीच फरवरी और मार्च में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव करवाने जा रहा है. कोरोना के चलते आयोग ने गाइडलाइन तय की है, जिससे किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
आयोग ने कहा, आउटडोर, इनडोर सभाओं के संबंध में प्रतिबंधों में और ढील इस शर्त के अधीन दी जाएगी कि सभा में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या इनडोर हॉल की क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत और खुले मैदान के 30 प्रतिशत तक सीमित होगी. क्षमता या सामाजिक दूरी के मानदंडों की आवश्यकता के अनुसार डीईओ द्वारा निर्धारित संख्या को और भी कम किया जा सकता है. यदि एसडीएमए ने इनडोर हॉल या खुले मैदान में भाग लेने वाले व्यक्तियों की संख्या के लिए अधिकतम सीमा या क्षमता का प्रतिशत निर्धारित किया गया है, तो ऐसे में एसडीएमए दिशानिर्देश प्रभावी होंगे.
नाव आयोग ने कहा, ओपन ग्राउंड रैलियां केवल जिला अधिकारियों द्वारा विशेष रूप से नामित मैदानों में आयोजित की जा सकती हैं और एसडीएम की सभी शर्तों के अनुपालन के अधीन हैं. इन मैदानों का आवंटन जिला प्रशासन द्वारा ई-सुविधा पोर्टल के माध्यम से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर समान रूप से दिया जाएगा. मैदानों की क्षमता जिला प्रशासन की ओर से काफी पहले से तय की जाएगी और सभी पक्षों को इसकी सूचना दी जाएगी.
उसने कहा, कई प्रवेश और निकास बिंदु होने चाहिए ताकि भीड़ न हो क्योंकि लोग आ रहे हैं और कार्यक्रम स्थल से निकल रहे हैं. सभी प्रवेश द्वारों में पर्याप्त हाथ स्वच्छता और थर्मल स्क्रीनिंग प्रावधान होना चाहिए. प्रवेश द्वार के साथ-साथ रैली क्षेत्र के भीतर भी पर्याप्त संख्या में हैंड सैनिटाइजर रखे जाने चाहिए. बैठने की व्यवस्था में पर्याप्त शारीरिक दूरी सुनिश्चित की जानी चाहिए और हर समय मास्क का उपयोग अनिवार्य है.
चुनाव आयोग ने कहा, हर समय शारीरिक दूरी के मानदंडों, मास्क पहनने और अन्य निवारक उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आयोजकों की ओर से पर्याप्त जनशक्ति को व्यवस्थित किया जाना चाहिए. निर्दिष्ट खुली जमीन की बैठकों में लोगों को पर्याप्त समूहों में समायोजित किया जाना चाहिए और ऐसे समूहों को पृथक्करण व्यवस्था द्वारा अलग किया जाना चाहिए. आयोजक इस व्यवस्था को सुनिश्चित करेंगे और नोडल अधिकारी अनुपालन सुनिश्चित करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पहाड़ों पर बर्फबारी से कई राज्यों में बढ़ी कंपकंपी, दिल्ली समेत कई राज्यों में बारिश ने बढ़ाई ठिठुरन
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