पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की सूर्य नमस्कार को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है, विधायक ने सूर्य नमस्कार को धर्म आधारित बताते हुए इसकी अनिवार्यता को चुनौती दी थी, याचिका को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली युगल पीठ ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सूर्य नमस्कार कार्यक्रम समाप्त हो चुका है, ऐसे में अब सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है.
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा है, इस्लाम में यह मान्य नहीं है. संविधान भी इस बात की इजाजत नहीं देता कि किसी धर्म विशेष की मान्यताएं या टीचिंग शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में दी जाए. इसी वजह से सूर्य नमस्कार की बाध्यता को अनिवार्य नहीं बल्कि स्वैच्छिक किया जाए. इस तर्क पर अदालत ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा था कि किस परिपत्र में लिखा है कि योग या सूर्य नमस्कार हर किसी के लिए बाध्य है, प्राथमिक सुनवाई हाईकोर्ट ने यह बात कही थी कि सूर्य नमस्कार एक योग है जो स्वास्थ्य के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन के लिए जरूरी है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने दस्तावेज पेश करने के लिए मोहलत मांगी थी. मुख्य न्यायाधीश चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस पीके कौरव की युगल पीठ में मामले की सुनवाई हुई. मसूद की ओर से अधिवक्ता ऐहतेशाम हाशमी ने पक्ष रखा, वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने पक्ष रखा. महाधिवक्ता ने बताया कि सूर्य नमस्कार योग है, न कि सूर्य उपासना. सूर्य नमस्कार में सहभागिता अनिवार्य नहीं सरकारी अपील थी. वहीं मसूद की ओर से भी ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया जो इसे सूर्य उपासना सिद्ध करे. हाईकोर्ट ने सुनवाई का औचित्य न होने का तर्क देते हुए याचिका खारिज कर दी.
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