नई दिल्ली. बांग्लादेश के प्रतिबंधित आंतकी संगठन अंसारउल्लाह बंगाल टीम (एबीटी) ने देशविरोधी गतिविधियों के संचालन के लिए रांची में अपने छिपने का ठिकाना बनाया था. एनआईए के स्पेशल कोर्ट ने एनआईए दिल्ली कांड संख्या आरसी 11/2018 में बांग्लादेश सियालहट के सुनामगंज निवासी समद मियां उर्फ तनवीर उर्फ शैभफुल उर्फ तुषार विश्वास को दोषी पाया है. आईपीएस, यूएपीए, फॉरेन एक्ट की अलग-अलग धाराओं में कोर्ट ने समद मियां को दोषी पाते हुए सात साल की कैद व 16 हजार फाइन की सजा सुनायी है.
एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, साल 21 नवंबर 2017 को कोलकाता एसटीएफ ने आतंकी संगठन अंसारउल्लाह बंगला टीम के चार बांग्लादेशी व एक भारतीय सदस्य को गिरफ्तार किया था. 1 मार्च 2018 को इस केस की जांच एनआईए ने टेकओवर की थी. एनआईए ने जांच में पाया था कि साल 2016 में एबीटी के बांग्लादेशी सदस्य अवैध तरीके से भारत आए थे. भारत आने के बाद इन लोगों ने भारत में देशविरोधी गतिविधियों की साजिश रचनी शुरू की.
इस दौरान आतंकी संगठन के सदस्यों ने हैदराबाद, पुणे और मुंबई में मजदूर बनकर कई जगहों की रेकी की. वारदातों को अंजाम देने के लिए पटना में कुछ दुकानों से विस्फोटक बनाने के लिए केमिकल्स की खरीद की गई थी. गिरोह के सदस्यों ने कोलकाता में भी हथियार और कारतूस खरीदने की कोशिश की थी. वहीं, गिरोह के चार सदस्यों ने पहचान छिपाकर रांची में भी अपना ठिकाना बनाया था. गिरोह के सदस्य छद्म नामों से रांची में रहा करते थे. इस मामले में बाकी आरोपियों के खिलाफ जांच चल रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड से मैट्रिक-इंटर किए हैं तो ही दे सकेंगे TET, प्राइमरी टीचर बनने को भी नए नियम, जानें डिटेल
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