नई दिल्ली. कमर्शियल सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों में सामने आया है कि रूस की सेनाएं यूक्रेन को घेर रही हैं. हालांकि, इन तस्वीरों की अपनी सीमाएं हैं. मैक्सर जैसी कंपनियों की कमर्शियल सैटेलाइटों से हाल में प्राप्त उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरों में सामने आया है कि यूक्रेन से लगती सीमा पर रूस के सैनिक, एयरफील्ड और तोपखाना तैनात किया जा रहा है. दक्षिण बेलारूस और क्रीमिया में भी सैन्य जमावड़े की गतिविधियां सामने आई हैं, जिसे रूस ने 2014 में यूक्रेन से हथिया लिया था.
इन तस्वीरों से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के अधिकारियों के दावे सही प्रतीत होते हैं कि रूसी सेनाएं उस स्थिति में हैं जहां से वह यूक्रेन पर हमला कर सकती हैं. हालांकि, कमर्शियल सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों में इसकी पुष्टि नहीं हो सकती कि रूस के कितने सैनिक एकत्र हैं या यूक्रेन पर हमला होगा या नहीं. अमेरिकी नौसेना के सेवानिवृत्त एडमिरल जेम्स स्टाव्रिडिस ने कहा कि मैक्सर से प्राप्त तस्वीरों से अच्छी जानकारी मिल सकती है लेकिन उतनी सटीक सूचना नहीं मिल सकती जितना अमेरिकी नेताओं को मिलती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेलारूस में लगभग 30,000 रूसी सैनिक मौजूद हैं. इनकी यहां उपस्थिति यूक्रेन और नाटो दोनों के लिए ही खतरनाक है. दोनों देशों की सेनाएं इस वक्त संयुक्त अभ्यास कर रही हैं, जो 20 फरवरी को समाप्त होने वाला है. मतलब ये कि अमेरिका और पश्चिमी देश कह रहे हैं कि रूस के सैनिक इसलिए तैनात हैं क्योंकि वो यूक्रेन को घेरकर उसपर हमला करने वाले हैं. जबकि रूस का कहना है कि उसका हमला या कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है और उसके सैनिक केवल सैन्य अभ्यास के लिए बेलारूस में हैं.
सैटेलाइट तस्वीरों से केवल इतना पता चल रहा है कि यूक्रेन के आसपास रूस की सेनाएं तैनात हो रही हैं. लेकिन इससे ये चीज साफ नहीं हो जाती है कि रूस का इरादा यूक्रेन पर कब्जा करने का ही है. रूस भी लगातार बोल रहा है कि उसके ऐसा कुछ करने का इरादा नहीं है. यह सब महज पश्चिमी देशों और वहां के मीडिया का प्रोपेगेंडा है. लेकिन नाटो के रक्षा प्रमुखों का मानना है कि राष्ट्रपति पुतिन के आदेश देने पर रूस के पास यूक्रेन के आसपास आक्रमण को अंजाम देने के लिए पर्याप्त सैनिक मौजूद हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूक्रेन से भारतीयों को निकालने पर अभी कोई फैसला नहीं, विदेश मंत्रालय ने किया साफ
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