पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी को लेकर चल रहे विवाद के बाद आज शीर्ष नेतृत्व ने कार्यकारिणी को ही भंग कर दिया है, वहीं प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल को भी पद से हटा दिया गया है, अर्चना जायसवाल को 7 माह पहले ही महिला कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी गई थी.
सूत्रों की माने तो महिला कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन 30 जनवरी को हुआ था, इसके बाद से ही इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में असंतोष फैल गया था, जिसके चलते अर्चना जायसवाल को नई कार्यकारिणी को रोकना पड़ा, इसके बाद भी विवाद शांत नहीं हुआ, शीर्ष नेतृत्व तक शिकायतें लगातार पहुंचती रही, जिसके जांच के बाद कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया. चर्चाओं में यह बात सामने आई कि वे पार्टी के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रही थी, जबकि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो चुकी है. जारी किए गए आदेश के अनुसार महिला कांग्रेस कमेटी में 4 वरिष्ठ उपाध्यक्षों को नहीं हटाया गया है, जिसके चलते रश्मि भारद्वाज, कविता पाण्डेय, जमना मरावी व नूरी खान उपाध्यक्ष के तौर बनी रहेंगी. इसके अलावा सभी को कार्यकारिणी से हटा दिया गया है.
चर्चाओं में यह बात भी सामने आ रही है अर्चना जायसवाल को दूसरी बार अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्णय ही गलत रहा, जबकि अध्यक्ष की दौड़ में उज्जैन की नूरी खान व भोपाल की विभा पटेल के नाम सबसे आगे थे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इंदौर की अर्चना जायसवाल पर भरोसा जताया था. पहली बार अर्चना जायसवाल दिग्विजय शासनकाल में महिला कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी,. ऐसे में उनके स्थान पर अन्य किसी को मौका दिया जाना चाहिए था.
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