पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को हर माह वैक्सीन के डेढ़ करोड़ उपलब्ध कराने के लिए कहा है, कोर्ट ने कहा कि सितम्बर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका है, इससे पहले हर नागरिक को वैक्सीन की कम से कम एक डोज तो लगा दी जाए, इसके लिए एमपी को हर माह डेढ़ करोड़ डोज उपलब्ध कराए जाएं, प्रदेश को अब तक वैक्सीन के डेढ़ करोड़ डोज मिल चुके है.
चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक के नेतृत्व में डबल बेंच में कोविड के इलाज से लेकर आक्सीजन प्लांट, वैक्सीनेशन व रिक्त हैल्थ कर्मियों के पदों पर भरती आदि को लगी सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट ने वैक्सीनेशन पर सरकार से जवाब मांगा था, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सरकार की ओर से वैक्सीनेशन पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई, इस रिपोर्ट में कोर्ट को बताया गया कि मध्यप्रदेश को मई में 35 लाख, जून में 54 लाख व 19 जुलाई तक कुल 60 लाख डोज मिल चुके है, इस तरह प्रदेश को अब तक एक करोड़ 51 लाख वैक्सीन के डोज मिले है. अगस्त में एक करोड़ डोज मिलने की संभावना है, जबकि वर्तमान परिस्थितियों में मध्यप्रदेश को हर माह डेढ़ करोड़ डोज की आवश्यकता है, राज्य सरकार के इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को यह निर्देश दिए है कि सितम्बर तक राज्य के हर व्यक्ति को वैक्सीन की एक डोज लगाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए, इसके लिए जरुरी है कि डेढ़ करोड़ डोज उपलब्ध कराए जाए. सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र की ओर से कहा गया कि देश के आठ राज्यों में निजी अस्पतालों की दरों को निर्धारित किया जा चुका है, ऐसे में एमपी में भी निजी अस्पतालों की दरों को भी निर्धारित किया जाना चाहिए, निजी अस्पतालों की दरों को लेकर भी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिए है कि कोर्ट मित्र द्वारा दिए गए सुझाव पर भी अमल किया जाए.
अगली सुनवाई में पेश करना होगी विस्तृत रिपोर्ट-
राज्य सरकार से प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, दस अगस्त को अगली सुनवाई में इसकी रिपोर्ट पेश करना होगी, इस रिपोर्ट में जिलेवार आक्सीजन प्लांट की वर्तमान स्थिति की जानकारी देना होगी, साथ ही राज्य सरकार को जिलेवार आक्सीजन, आईसीसीयू, वेंटीलेटर बेड व सीटी स्कैन मशीनों की भी जानकारी देने के आदेश दिए है.
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