नई दिल्ली. आज बुधवार को भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. सुबह मजबूती के साथ खुले बाजार शाम को गिरावट के साथ बंद हुए. आज सेंसेक्स 68.62 अंक की कमजोरी के साथ 57232.06 के स्तर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 28.95 अंकों की गिरावट के 17063.25 पर क्लोज हुआ. निफ्टी दोपहर में 17,200 का स्तर छूने के बाद नीचे की तरफ फिसल गया. फिर यह गिरावट सीधे लाल निशान में जाकर बंद हुई.
निफ्टी लगातार छठे दिन गिरावट पर बंद हुआ है. आज के कारोबार में ऑटो, कैपिटल गुड्स शेयरों टॉप लूजर रहें. वहीं दूसरी तरफ मिडकैप, स्मॉलकैप शेयर बढ़त पर बंद होने में कामयाब रहे. बाजार की शुरुआत आज बढ़त के साथ हुई थी. 09.16 बजे सेंसेक्स 332.26 अंक यानी 0.58 फीसदी की बढ़त के साथ 57,632.94 स्तर पर कारोबार कर रहा था. वहीं निफ्टी 100.35 अंक यानी 0.59 फीसदी की बढ़त के साथ 17192.55 के स्तर पर नजर आ रहा था.
वैश्विक कारणों से भारी उतार-चढ़ाव
मार्केट एक्पसपर्ट के मुताबिक, रूस और यूक्रेन के संकट के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव का अंदाजा लगाना मुश्किल है. निफ्टी पर ली गई पोजीशन कल क्या रुख दिखायेगी ये यूक्रेन संकट के नये डेवलपमेंट पर निर्भर करता है. फिलहाल नये अपडेट के अनुसार रूस कूटनीतिक बातचीत के लिए तैयार हो गया है, ऐसी खबरें बाजार में आ रही हैं. यदि बातचीत के सकारात्मक परिणाम निकलते हैं तो भारतीय बाजारों में तेजी देखने को मिल सकती है. लेकिन वर्तमान में युक्रेन संकट पर सुबह कुछ अपडेट आता है और शाम को कुछ और अपडेट आता है लिहाजा आज की ली हुई पोजीशन वैश्विक संकट और रुझानों के चलते कल इस पोजीशन का क्या होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है.
महंगाई साल 2022 का सबसे बड़ा मार्केट मूवर साबित होगा.
छ्वक्करूशह्म्द्दड्डठ्ठ द्वारा बुधवार को प्रकाशित इंस्ट्रिटीशनल ट्रेडिंग क्लाइंट्स के एक वार्षिक सर्वे के मुताबिक 2022 में ग्लोबल मार्केट पर महंगाई अपना सबसे ज्यादा असर दिखाएगी. इस वार्षिक सर्वे के लगातार छठवें एडिशन में लिक्विडिटी टॉप डेली ट्रेडिंग चैलेंज बनकर उभरा है. नवंबर 2021 के अंत में हुए इस सर्वे में 718 इंस्ट्रिटीशनल ट्रेडिंग क्लाइंट्समें से करीब 48 फीसदी लोगों ने कहा कि महंगाई साल 2022 का सबसे बड़ा मार्केट मूवर साबित होगा.
ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका बाजार पर हावी
बता दें कि पिछले साल के इस सर्वे में कोरोना महामारी सबसे बड़ा मार्केट मूवर बनकर उभरा था. पिछले 1 साल में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका बाजार पर हावी रही है और अब यह अनुमान कमजोर पड़ रहा है कि महंगाई एक अस्थाई स्थिति है और यह अपने आप खत्म हो जाएगी. दुनिया के तमाम देश इस समय बढ़ती महंगाई से परेशान है.
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