भोपाल. मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में संस्कृत के साथ एनईपी 2020 के आधुनिक विषयों की पढ़ाई के अभियान का विस्तार किया जा रहा है. महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अंतर्गत संस्कृत विद्यालयों को अगले दो साल में सीएम राइज स्कूल के स्तर जैसे संस्थान बनाने की कवायद शुरू हो गई है. 32 संस्कृत विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा लेकर कक्षा छह से 12 तक प्रवेश दिया जाता है.
इसका विस्तार आगामी सत्र से एलकेजी, यूकेजी से बारहवीं तक किया जाएगा. विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात के आधार पर शिक्षक और लेक्चर की संख्या बढ़ाई जाएगी. 32 शासकीय संस्कृत स्कूलों में से पांच को मॉडल की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. जो उज्जैन दतिया टीकमगढ़ कटनी और सिरोंज में जिला मुख्यालय पर होंगे. उज्जैन के मॉडल स्कूल को भगवान श्री कृष्ण के शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में शिफ्ट करके संस्कृत की विभिन्न विधाओं से परिपूर्ण किया जाएगा.
सात संस्कृत स्कूलों के नए परिसर व भवनों के लिए जिला प्रशासन से जमीन मांगी गई है. भोपाल के एकमात्र कन्या गर्ग विद्यालय के लिए तीन एकड़ जमीन अलकापुरी में ली जा रही है. धार में 32 एकड़, जबलपुर में 10 एकड़, रीवा में 10 एकड़, जावरा में 10 एकड़ और अलीराजपुर में 10 एकड़ जमीन लेने की प्रक्रिया जारी है. उधर दतिया में 18 एकड़, सिरोंज में 18 एकड़ और टीकमगढ़ में 5 एकड़ जमीन का कब्जा प्रशासन दे चुका है. डिंडोरी में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का भवन खाली था. उसे लेकर 21 लाख की लागत से संवारा जा रहा है.
अब संस्कृत विद्यालयों में एलकेजी यूकेजी से संस्कृत की पढ़ाई होगी. शिक्षकों के अलावा लेक्चरर के नए पद स्वीकृत की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सीएम राइस की तर्ज पर नया कोर्स भी लागू करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूक्रेन में फंसी जबलपुर की दो बेटियां, एमपी के 27 स्टूडेंट घर वापसी के लिए बैचेन, परिजन चितिंत
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