नई दिल्ली. वाट्सएप ग्रुप एडमिन को लेकर कई बार कई खबरें सामने आई हैं. अब केरल हाईकोर्ट ने इसे लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने एक फैसला देते हुए वाट्सएप ग्रुप एडमिन्स को राहत दी है. कोर्ट का कहना है कि वाट्सएप ग्रुप पर अगर कोई मेंबर किसी भी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट करता है तो उसके लिए ग्रुप एडमिन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा. जस्टिस कौसर एडप्पागथ का कहना है कि इस मामले को लेकर कोई आपराधिक जिम्मेदारी तय करने के लिए किसी भी तरह का कानून नहीं बनाया गया है.
यह है पूरा मामला
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरा मामला चाइल्ड पोर्न से जुड़ा हुआ है. वर्ष 2020 में एक व्यक्ति ने एक ग्रुप बनाया था जिसका नाम फ्रेंड्स था. वह उस ग्रुप का एडमिन था. इसने अपने दोस्त को को-एडमिन भी बना दिया. फिर जब उसे को-एडमिन बना दिया जाता है तो वह व्यक्ति उस ग्रुप पर एक अश्लील वीडियो पोस्ट करता है. वीडियो की बात करें तो इसमें छोटे बच्चे दिखाए गए थे. इसी वजह से को-एडमिन को कसूरवार माना गया था. वहीं, ग्रुप के एडमिन पर आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है.
ग्रुप एडमिन को राहत
वाट्सएप ग्रुप एडमिन को लेकर दायर की याचिका को लेकर सुनवाई हुई. इस याचिका में विक्टिम ने खुद को बेकसूर बताया है. कोर्ट ने कहा है कि ग्रुप एडमिन इस तरह के मामलों में सीधे तौर पर शामिल नहीं है. उसका ऐसा कोई इरादा नहीं था कि वो इस तरह के अपराध में शामिल हो. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर वाट्सएप ग्रुप का कोई भी मेंबर ग्रुप पर कुछ शेयर कर रहा है तो उसके लिए एडमिन जिम्मेदार नहीं है. अब यह जानना भी जरूरी है कि यह मामला अहम क्यों हैं... तो आपको बता दें कि अगर आने वाले समय में इस तरह का कोई भी मामला देखा जाता है तो उसमें केरल हाईकोर्ट के फैसले को बतौर रेफरेंस के तौर पर दिखाया जा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-वाट्सएप ने भारत में 20 लाख अकाउंट्स बंद किए, स्पैम और अनचाहे मैसेजेस रोकने के लिए उठाया कदम
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