मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोपी डिस्क जाकी की उम्र कैद की सजा को घटाकर 10 साल करने का फैसला सुनाया. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि बलात्कार से गर्भवती होने से पैदा हुए बच्चे भी अपराध का शिकार है इसलिए उसे भी पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए. कोर्ट ने आरोपी को पीड़िता के बच्चे को 2 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति साधना जाधव और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने यह जानने के बाद आदेश जारी किया कि प्रसव के बाद मरने वाली बलात्कार पीड़िता से पैदा हुए बच्चे को न केवल लड़की के परिवार ने बल्कि दोषी ने भी छोड़ दिया और जिसका पालन एक अनाथालय में हो रहा है.
खंडपीठ ने खार निवासी रमेश वावेकर को बच्चे के कल्याण के लिए 2 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया, पीठ ने कहा कि कानून एक निर्दोष बच्चे को पीड़ित नहीं छोड़ सकता क्योंकि उसके पिता ने उसे छोड़ दिया था. आपको बता दें कि यह पूरा मामला साल 2015 का है. पुलिस के मुताबिक मुंबई के रहने वाले 29 वर्षीय रमेश वावेकर का एक नाबालिग के साथ संबंध था. तब नाबालिक हाईस्कूल की छात्रा थी. बाद में उसने नाबालिग से दूरी बना ली थी. बाद में लड़की गर्भवती हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म के चार दिन बाद ही नाबालिग की मौत हो गई थी.
जानकारी के अनुसार सितंबर 2015 में सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 की संबंधित धाराओं के तहत रमेश के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उस समय नाबालिग आठ माह की गर्भवती थी. नाबालिग ने 8 अक्टूबर 2015 को बच्चे को जन्म दिया था.
शनिवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक बड़े फैसला में कहा कि बलात्कार से पैदा बच्चे भी अपराध का शिकार हैं और उसे पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए. हाई कोर्ट ने यह फैसला नाबालिग से रेप के आरोपी डिस्क जॉकी की उम्रकैद की सजा को घटाकर 10 साल करते हुए सुनाया. कोर्ट ने आरोपी को पीड़िता के बच्चे को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दो बच्चों की मां को शादी करने कहकर भोपाल ले गया, बंधक बनाकर किया बलात्कार
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