इंदौर. नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की इंदौर खंडपीठ शुरू होने का शहर और प्रदेश का इंतजार तीन साल बाद अब खत्म होता दिख रहा है. 10 मार्च से पहले इंदौर खंडपीठ का औपचारिक उद्घाटन और सुनवाई शुरू होने की आशा है. खंडपीठ के लिए सदस्य (तकनीकी) की नियुक्ति का आदेश शुक्रवार को जारी हो गया. कौशलेंद्र कुमार सिंह को इंदौर खंडपीठ में नियुक्त किया गया है. वे अब तक एनसीएलटी की अहमदाबाद खंडपीठ में पदस्थ थे. प्रदेश भर की 40 हजार कंपनियों को एनसीएलटी इंदौर खंडपीठ शुरू होने का लाभ मिलेगा. कंपनियों से जुड़े विवादों की सुनवाई के लिए पूरा प्रदेश अब तक अहमदाबाद खंडपीठ पर निर्भर था.
इस बीच नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल की मुख्य पीठ दिल्ली से रजिस्ट्रार शिवराम बिरवा ने शुक्रवार को एक अन्य आदेश जारी कर अहमदाबाद खंडपीठ में चल रहे कंपनी से जुड़े मामलों के दस्तावेज इंदौर भेजने का आदेश भी जारी कर दिया. रिकार्ड इंदौर में ट्रांसफर करने के लिए 1 मार्च से पहले की समयसीमा दी गई है. मार्च 2019 में इंदौर में एनसीएलटी की खंडपीठ स्थापित करने की अधिसूचना जारी की गई थी. तीन वर्ष से शहर के सीए-वकील खंडपीठ शुरू करवाने के लिए कोशिशें कर रहे हैं. 8 से 10 जनवरी के बीच खंडपीठ का औपचारिक उद्घाटन हो जाता, लेकिन पूर्व में नियुक्त सदस्य ने इंदौर आने से इन्कार कर दिया. कोरोना का प्रकोप भी आ गया. इस बीच नए सदस्य की नियुक्ति का फिर से इंतजार किया जा रहा था.
प्रदेश में 40 हजार कंपनियां हैं रजिस्टर्ड
एनसीएलटी में कंपनियों से जुड़े विवादों की सुनवाई और निराकरण किया जाता है. इंदौर सीए ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष सीए पंकज शाह और टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के सीए स्वप्निल जैन के अनुसार मप्र में कुल करीब 40 हजार कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 60 प्रतिशत इंदौर में स्थित है. 20 प्रतिशत भोपाल में शेष पूरे प्रदेश में फैली है. कंपनियों के विवादों के निपटारे के लिए फिलहाल अहमदाबाद एनसीएलटी में जाना पड़ता है.
लंबे समय से उठ रही थी मांग
अहमदाबाद खंडपीठ में भी मप्र के प्रकरणों की सुनवाई के लिए सप्ताह में बस एक दिन मिलता है. प्रदेशभर की कंपनियां प्रदेश में खंडपीठ स्थापित करने की अरसे से मांग कर रही थी. इस साल की शुरुआत में खंडपीठ के लिए आधारभूत संरचना बनकर तैयार हो चुकी है. खंडपीठ में केंद्रीय कानून मंत्रालय से दो सदस्यों की नियुक्ति होनी थी. नियुक्ति में देरी के कारण खंडपीठ में सुनवाई शुरू नहीं हो सकी. इसके बाद अभिभाषक मनोज मुंशी ने उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की. न्यायालय में एनसीएलटी की ओर से आश्वासन भी दिया गया था कि इंदौर में शीघ्र ही खंडपीठ शुरू हो जाएगी.
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