नई दिल्ली. यूक्रेन पर हमला करने की वजह से दुनियाभर के देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं. अब अमेरिका व इसके सहयोगी देशों ने सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन (SWIFT) वित्तीय व्यवस्था से रूस के चुनिंदा बैंकों को अलग करने का फैसला लिया है. प्रतिबंधित रूसी कंपनियों की संपत्तियों को लेकर जांच पड़ताल के लिए संयुक्त टास्क फोर्स को नियुक्त करने पर भी सहमति व्यक्त की गई है. SWIFT दुनिया की प्रमुख बैंकिंग मैसेजिंग सर्विस है, जिसमें करीब 200 से अधिक देशों में 11,000 बैंक व संस्थान जुड़े हैं. SWIFT की स्थापना 1973 में हुई थी और इसका हेडक्वॉर्टर बेल्जियम के ला हल्पे में है.
यह जानकारी अमेरिका, यूरोपीयन यूनियन, फ्रांस , जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के प्रमुखों ने संयुक्त बयान जारी कर दी है. SWIFT में करीब 200 से अधिक देशों में 11,000 बैंक व संस्थान जुड़े हैं, जिसमें भारत भी शामिल है. यह एक वैश्विक बैंकिंग प्रणाली है, जिसका एक हाई सिक्योरिटी नेटवर्क है. साथ ही यह एक सिक्योर मैसेजिंग सिस्टम भी है, जिसका उपयोग बैंक जल्द और सुरक्षित तरीके से सीमा पार भुगतान करने के लिए करते हैं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सहूलियत होती है.
प्रतिबंध से रूस की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
SWIFT का इस्तेमाल बैंक मनी ट्रांसफर ऑर्डर या जानकारी भेजने और पाने में करते हैं. SWIFT दुनिया भर के बैंकों को सुरक्षित संदेश और पेमेंट ऑर्डर भेजने के लिए लिंक करता है. SWIFT पैसे को ट्रांसफर नहीं करता है, बल्कि ये पैसे के ट्रांसफर की जानकारी देता है, जिसे संबंधित बैंकों को सेटल करना होता है. रूस को SWIFT से हटाए जाने के बाद इसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. हालांकि, ऐसा तभी होगा, अगर उसे लंबे समय के लिए इस सिस्टम से हटाया जाएगा. ऐसा होने पर रूसी कंपनियों और व्यक्तियों के लिए आयात का भुगतान करना और निर्यात के लिए पैसा पाना, विदेश से उधार लेना या बाहर निवेश करना मुश्किल हो जाएगा.
यूरोपियन यूनियन ने भी रूस पर लगाए प्रतिबंध
यूरोपियन यूनियन ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. यूनियन के विदेश नीति के चीफ जोसप बोरेल ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबंध वाले लोगों की सूची में इन दोनों प्रमुखों को रखा गया है. बोरेल ने यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि यूरोपीय संघ द्वारा प्रतिबंधित नेताओं में सीरिया से असद, बेलारूस से लुकाशेंको और अब रूस से पुतिन हैं.’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूक्रेन से लौटे 219 भारतीय नागरिक, मुंबई में उतरा विशेष प्लेन, सरकार का जताया आभार
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